बदलते मौसम का प्रभाव त्वचा के अलावा बालों पर भी दिखने लगता है। इससे बालों का टूटना और झड़ना सामान्य है। रूखे और बेजान बालों की मज़बूती को बढ़ाने के लिए कई तरह के शैम्पू और सीरम का इस्तेमाल किया जाता है। मगर कई कारणों से हेयरफॉल की समस्या बनी रहती है। इसके चलते अधिकतर लोग बालों को बांधकर रखने लगते, जिससे हेयर फंगल का सामना करना पड़ता है। अगर आप भी बालों के घटते वॉल्यूम से परेशान हैं, तो खानपान के अलावा हेयर केयर रूटीन में हेल्दी हेबिट्स को जोड़कर बालों की ग्रोथ को बढ़ाने में मदद मिल सकती है। जानते हैं वो टिप्स, जिससे तेजी से हेयर वॉल्यूम बढ़ाने में मिलेगी मदद (hair growth therapies) ।
इस बारे में ब्यूटी और हेयर एक्सपर्ट मंजू रावत बताती हैं कि जेनेटिक्स और एजिंग के अलावा प्रदूषण और अत्यधिक केमिकल बालों के वॉल्यूम को कम कर देते हैं। इसके चलते शाफ्ट कमज़ोर हो जाते है, जिससे हेयरफॉल की समस्या बनी रहती है। अमूमन हीट स्टाइलिंग, उत्पाद का स्कैल्प पर जमाव और ओवर हेयर वॉशिंग हेयरवॉल्यूम को प्रभावित करती है। इससे स्कैल्प का नेचुरल ऑयल कम होने लगता है, जिससे हेयरफॉल की समस्या बढ़ जाती है। इसके अलावा उम्र के साथ शरीर में बढ़ने वाले हार्मोनल परिवर्तन और आहार में कमी भी बालों के स्वास्थ्य व मजबूती को प्रभावित करते हैं।
अधिकतर लोग बालों की खूबसूरती बढ़ाने के लिए केमिकल ट्रीटमेंट और हेयर स्टाइलिंग की मदद लेते हैं। इससे बालों की शाफ्ट में मौजूद नमी धीरे धीरे गायब होने लगती है, जिससे हेयर ड्राइनेस का सामना करना पड़ता है। बेजान बालों की नरिशमेंट के लिए नारियल तेल को गुनगुना करके उसमें जोजोबा ऑयल या जैसमीन ऑयल की कुछ बूंद मिलाकर बालों में मसाज करने से फायदा मिलता है।
बालों को धोने के लिए नए नए प्रकार के शैम्पू की जगह हर्बस बेस्ड होममेड शैम्पू का प्रयोग करें। इसके लिए काले सूखे आंवले लेकर रीठा और शिकाकाई के साथ ओवरनाईट सोक करके रख लें। अब अगली सुबह उसे छालकर अलग कर लें और उससे बालों को धोएं। इससे बालों में शाइन और स्मूदनेस दोनों बढ़ने लगते हैं और चिपचिपापन भी कम होने लगता है। सप्ताह में 3 बार इसे इस्तेमाल करें।
हेयरवॉश के बावजूद भी अगर बालों में स्मैल व ऑयल की समस्या बनी रहती है, तो इसके लिए स्कैल्प स्क्रबिंग की मदद ली जा सकती है। इसके लिए शैम्पू में टीट्री ऑयल की कुछ बूंदे मिलाकर स्कैल्प पर मसाज करें। उसके बाद बालों को सामान्य पानी से धोएं। स्कैल्प स्क्रबिंग से बालों में फंगल इंफे्क्शन से बचा जा सकता है और हेयरफॉल की समस्या हल हो जाती है।
स्प्लिट एंड्स आपके बालों को पतला और असमान बना सकते हैं। ऐसे में नियमित रूप से ट्रिम करने से बाल न केवल स्वस्थ दिखते हैं बल्कि घने भी लगते हैं। ऐसे में हर 3 महीने में बालों की ट्रिमिंग बेहद ज़रूरी है। इससे बालों के लुक में बदलाव देखने को मिलता है।
एवोकाडो में विटामिन ए, सी और ई जैसे ज़रूरी पोषक तत्व होते हैं। साथ ही हेल्दी फैट्स भी होते है। ये तत्व बालों को डीप कंडीशनिंग ट्रीटमेंट प्रदान करते हैं, जो रूखे और बेजान बालों को नमी देने में मदद करते हैं। विटामिन और मिनरल बालों के रोम को पोषण देते हैं, जिससे हेयरग्रोथ को बढ़ावा मिलता है। एवोकाडो बालों को मुलायम और चिकना बनाने में मदद करता है, जिससे फ्रिज़ीनेस कम होती है।
प्याज को ग्रेट करके उससे निकलने वाला रस बालों की सेहत के लिए फायदेमंद साबित होता है। इसमें मौजूद सल्फर कंटेंट बालों को मज़बूत करने का काम करते है। बालों को टूटने से बचाने के लिए प्याज के रस में को बॉटल में डालकर बालों की जड़ों में स्प्रे करें। सप्ताह में 2 से 3 बार इस्तेमाल करें और 30 मिनट तक बालों में लगा रहने दें। उसके बाद शैम्पू से बाल धो लें। इससे हेयर वॉल्यूम बढ़ने के साथ स्कैल्प इंफेक्शन से भी राहत मिल जाती हैं।
धूप की तेज़ किरणों बालों की शाफ्ट में मौजूद नमी को कम कर देती है, जिससे खुरदरापन बढ़ने लगता है, जो हेयरफॉल का कारण साबित होता है। ऐसे में प्रदूषण और तेज़ हवाओं व धूप से बचाने के लिए बालों को स्काफ से कवर कर लें। इससे बालों को किसी भी प्रकार की हानि से बचाने में मदद मिलती है।
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