सर्दियों में अक्सर लोगों को रूखी त्वचा का सामना करना पड़ता है। इसके चलते मॉइश्चराइज़र से लेकर कई प्रकार के सीरम का प्रयोग किया जाता है। वहीं दूसरी ओर वे लोग जिनकी त्वचा ऑयली है। वे सीबम सिक्रीशन बढ़ने के चलते चेहरे पर कुछ भी अप्लाई करने से कतराते हैं। वे चुहरे पर बढ़ने वाली चिकनाई से कतराते हैं। मगर क्या वाकई ऐसे लोग जिनकी त्वचा ऑयली है उन्हें मॉइश्चराइज़र की आवश्यकता नहीं होती है। जानते हैं ऑयली स्किन के लोगों को क्यों पड़ती है मॉइश्चराइज़र की आवश्यकता (moisturizer for oily skin in winter) ।
इस बारे में सीनियर एस्थेटिक कंसलटेंट, डर्मा प्यूरिटीज़, डॉक्टर आरती शर्मा बताती हैं कि अन्य स्किन टाइप्स के समान सर्दी में ऑयली स्किन के लिए भी मॉइश्चराइज़र की जरूरत होती है। दरअसल, मौसम बदलने के साथ ऑयली स्किन में भी नमी की कमी बढ़ने लगती है और स्किन ड्राईनेस बढ़ने लगती है। ऐसे में स्किन ज्यादा तेल पैदा करने लगती है, जिससे त्वचा और भी ज्यादा चिकनी हो जाती है।
सर्दी में ऑयली स्किन के लिए लाइट नॉन कॉमेडोजेनिक मॉइश्चराइज़र चुनना जरूरी है। ये मॉइश्चराइज़र त्वचा को हाइड्रेट रखने में मदद करता हैं। इससे त्वचा का संतुलन बना रहता है और अतिरिक्त तेल उत्पादन अपने आप कम हो जाता है।
मॉइश्चराइज़र का नियमित इस्तेमाल करने से ऑयल ग्लैंडस की उत्तेजना कम होने लगती है। इससे सीबम प्रोडक्टस को बढ़ने से रोका जा सकता है। ऐसे में त्वचा पर बढ़ने वाली चिपचिपाहट नियंत्रित हो जाती है।
ये त्वचा पर एक प्रोटेक्शन लेयर के समान काम करती है। इससे स्किन पर धूल, मिट्टी और प्रदूषण का प्रभाव कम हो जाता है। साथ ही पोर्स में बढ़ने वाली ब्लॉकेज को कम करके मुहांसों के बढ़ने की समस्या को भी सीमित किया जा सकता है।
सर्दी में ऑयली स्किन के लिए मॉइश्चराइज़र आवश्यक है। दरअसल, त्वचा की नमी और नेचुरल ऑयल कम होने लगता है। ऐसे में स्किन टाइप के अनुसार मॉइश्चराइज़र त्वचा को हाइड्रेट रखने में मदद करता हैं। नियमित रूप से इसका इस्तेमाल करने से स्किन को फायदा मिलता है।
सर्द हवाएं स्किन को रूखा और बेजान बना देती है। ऐसे में त्वचा को हेल्दी बनाए रखने के लिए ऑयली स्किन के लिए मॉइश्चराइज़र का इस्तेमाल करें। इससे त्वचा पर बढ़ने वाली झुर्रियों की समस्या को हल किया जा सकता है। साथ ही त्वचा की डलनेस को भी कम किया जा सकता है।
ऑयली स्किन के लिए मॉइश्चराइज़र लाइट, जेल बेस्ड या लोशन बेस्ड चुनना चाहिए। ससे वो आसानी से एबजॉर्बहोने लगता है और स्किन को टोन रख्ता है। इससे त्वचा का हाइड्रेशन स्तर बना रहता है।
ऑयली स्किन के लिए मॉइश्चराइज़र ऑयल फ्री और नॉन कॉमेडोजेनिक होने से स्किन को फायदा मिलता है। इससे ओपन पोर्स की समस्या हल होने लगती है और मुंहासों को रोकने में मदद मिलती है।
ह्यूमेक्टेंट्स जैसे हायल्यूरोनिक एसिड वाली मॉइश्चराइज़र चुनें। ये आपकी त्वचा में नमी को बरकरार रखते हैं। इससे स्किन का लचीलापन बना रहता है और स्किन एजिंग का खतरा कम होने लगता है।
सबसे पहले चेहरे को साफ करने के लिए माइल्ड फेसवॉश से क्लीजिंग करें। अब चेहरे को तौलिए से हल्का पोंछ लें। अगर चेहरे पर मेकअप मौजूद है, तो डबल ब्लीजिंग की जानी चाहिए।
अब स्किन को टोन रखने के लिए एस्ट्रिंजेंट टोनर लगाएं। उंगलियों की मदद से डैप डैप करके लगाए। त्वचा को ज्यादा रगड़ने से बचें।
कम मात्रा में मॉइश्चराइज़र लें और इसे पूरे चेहरे पर समान रूप से लगाएं। चेहरे को हर बार धोने के बाद इसे अवश्य अप्लाई करें।
एंटी एंजिंग गुणों से भरपूर सनस्क्रीन स्किन को कई फायदे पहंचाती है। स्किन को सन डैमेज से बचाने के लिए बाहर निकलने से पहले मॉइश्चराइज़र अप्लाई करें और सनस्क्रीन लगाना न भूलें।