हम जानते हैं आप की मां ने मुल्तानी मिट्टी के गुणों के बारे में आपको बचपन से ही बता रखा है। यह आपकी त्वचा को साफ करने और जीवंत करने का एक बहुत अच्छा साधन है। लेकिन इसे लगाने से पहले जरा इन बातों पर ध्यान दीजिए।
भारत में गर्मियों का मौसम तपिश भरा होता है। जिसकी वजह से हमें बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, बहुत पसीना आता है, त्वचा संबंधी दिक्कतें, रैशेस, घमोरियां और दाने हो जाते हैं। गर्मी कभी त्वचा की दोस्त नहीं होती, इसलिए शायद हम गर्मियों में मुल्तानी मिट्टी का प्रयोग बार-बार करते हैं। खासकर इन कुछ महीनों में क्योंकि यह मुल्तानी मिट्टी हमारी त्वचा को ठंडक प्रदान करती हैं।
यह हमारी त्वचा को शांत करती हैं ठंडक प्रदान करती हैं घमोरियां और दानों पिंपल्स से बचाती हैं। त्वचा की पोर्स खोल देती हैं और स्कैल्प की बहुत अच्छी दोस्त है मुल्तानी मिट्टी। भारत में जनरेशन-टू-जनरेशन चलने वाला यह एक ऐसा घरेलु नुस्खा है जो हर भारतीय महिला इस्तेमाल करती है और इसके गुणों को कभी भी इग्नोर नहीं कर सकती।
लेकिन अगर हम आपसे कहे कि इन गर्मियों में आप अपनी मम्मी का यह नुस्खा इग्नोर कर दीजिए। हम आपसे कहते हैं कि मुल्तानी मिट्टी वह नहीं है जो आप समझ रहे हैं, यह आपकी त्वचा के लिए लाभदायक नहीं है। अब आप सोच रहे होंगे कि हम आपको ऐसा करने के लिए क्यों कह रहे हैं?
सिंपल है ! क्योंकि हमारे पास कुछ वजह है, जो इस बात को साबित करने के लिए काफी है कि मुल्तानी मिट्टी हर त्वचा और हर प्रकार के बालों के लिए नहीं बनी है।
मुल्तानी मिट्टी तैलीय त्वचा के लिए बनी है। इसका सबसे बड़ा गुण है कि यह आपकी त्वचा के पोर्स से सारा तेल सोख लेती है। अब जरा खुद ही सोचिए अगर आपकी सूखी त्वचा मॉइस्चर मांग रही है और आप उसे मुल्तानी मिटटी से और ज्यादा सूखी बना रहे हैं तो क्या होगा? उसे जरूरत है कैलेमाइन लोशन और एलोवेरा जेल की जो उसके रूखेपन को दूर का दें। लेकिन मुल्तानी मिटटी यह नहीं कर सकती बल्कि यह त्वचा को और भी ज्यादा रूखा और सख्त बनाती है।
यदि आपकी त्वचा बहुत संवेदनशील है और उसपर किसी भी चीज का नकारात्मक असर जल्दी हो जाता है। मुल्तानी मिटटी का उपयोग आप यह सोच कर कर रहीं हैं के यह प्राकृतिक है, तो आपकी त्वचा के pH बैलेंस के लिए यह बिल्कुल भी अच्छा उपाय नहीं होगा। क्योंकि मुल्तानी मिट्टी में अधिक मात्रा में तेल को सुख लेने की क्षमता होती है। इसलिए इस पर किसी भी तरह का प्रयोग ना करें यह आपकी त्वचा को रूखा-सूखा और लाल कर सकता है।
यदि आप इसकी शुरुआत कर रहे हैं और आपका ऐसा मानना है कि तैलीय त्वचा होने के कारण आपकी त्वचा पर झुर्रियां नहीं आ सकती। तो सुनिए! यह सबसे बड़ा मिथ है क्योंकि जितना आप त्वचा को ड्राई करने वाले प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं जैसे की मुल्तानी मिट्टी उतना ज्यादा आप अपनी त्वचा को झुर्रियों की तरफ धकेल रहें है। याद रखिये रूखी त्वचा पर झुर्रियां अधिक आती हैं।
जब मुल्तानी मिट्टी आपके चेहरे पर सूख जाती है तो यह आपकी त्वचा को हिलने-ढूंढने में भी तकलीफ पैदा करती है जिसका मतलब यह है कि आपकी त्वचा अत्यधिक खिचाव ले रही है। त्वचा का लचीलापन धीरे धीरे खत्म होने लगता है। इसका इस्तेमाल कभी-कभी करना कोई खतरे की बात नहीं है। लेकिन यदि आप इसका इस्तेमाल लंबे समय तक और नियमित रूप से करते हैं। तब संभावना है, यह आपके चेहरे पर फाइन लाइंस और रिंकल्स की समस्या पैदा कर दे।
यदि आपके बाल और त्वचा तेलिये हैं, तब हो सकता है कि आप मुल्तानी मिट्टी लगाने की सोचें। लेकिन, यदि मुल्तानी मिट्टी चेहरे पर लगाना इतनी बड़ी समस्या पैदा कर देता है तो बालों पर क्या होगा? ज़रा सोचिये ! जब यह सूख जाएगी तब आप इसे रगड़ कर उतारेंगे और तब कितनी बड़ी समस्या पैदा होगी यह करना बालों की जड़ों को कमजोर कर देगा।
यदि आपके बाल स्ट्रांग हैं और हैल्दी हैं तब तो शायद आपके लिए यह कोई बड़ी समस्या ना हो, लेकिन यदि आपके बाल पतले हैं कम घने हैं पहले से ही टूट रहे हैं तो मुल्तानी मिट्टी लगाना आपके लिए नुकसानदेह हो सकता है। इससे आपके बाल और भी ज्यादा टूटने लग जाएंगे।
इसमें कोई शक नहीं, इस गुणकारी मुल्तानी मिट्टी में आपकी त्वचा को ड्राई, साफ़, फ्रेश और सेहतमंद बनाने के सभी गुण हैं। लेकिन ख्याल आपको रखना पड़ेगा कि आपकी त्वचा कैसी है। इसलिए यह प्रकृति का तोहफा जो आपको मिला है आपके बालों और त्वचा को सेहतमंद बनाने के लिए। इसका सही प्रयोग खुद आप पर निर्भर करता है।
यदि आपकी त्वचा संवेदनशील है, बाल पतले हैं तो आपको मुल्तानी मिट्टी का विचार नहीं करना चाहिए।