डायबिटीज के कारण जीवनशैली से जुड़ी कई समस्याएं होती हैं। यहां तक कि बालों का झड़ना भी टाइप 1 या टाइप 2 मधुमेह (Type 1 Diabetes and Type 2 Diabetes) से जुड़ा हो सकता है। मधुमेह के कारण होने वाली कुछ समस्याओं के कारण बाल भी झड़ (Hair Fall) सकते हैं। डायबिटीज में हाई ब्लड शुगर होने, इम्यून सिस्टम प्रभावित होने और ब्लड सर्कुलेशन में दिक्कत होने के कारण हेयर फॉल (diabetes causes hair fall) हो सकता है।
जर्नल ऑफ़ हेयर एंड स्कैल्प हेल्थ के अनुसार, इन्सान के सिर से आमतौर पर प्रति दिन लगभग 50 से 100 बाल झड़ते हैं। बाल झड़ना जीवनचक्र का हिस्सा है। जैसे ही एक बाल झड़ता है, दूसरा उसकी जगह ले लेता है। तनाव या गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल चेंज होने के कारण अत्यधिक बाल झड़ सकते हैं। हालांकि यह समान्य कारण हो सकता है। लेकिन ब्लड शुगर में कमी-बेशी भी बालों के झड़ने का कारण बन सकते हैं। इससे एलोपेसिया यानी सिर के बालों का पूरी तरह झड़ जाना भी हो सकता है। यह तब होता है जब कोई चीज़ बालों को दोबारा उगने से रोक देती है।
उजाला सिग्नस ग्रुप ऑफ़ हेल्थकेयर के फाउंडर और डायरेक्टर डॉ. शुचिन बजाज कहते हैं, ‘बालों का झड़ना टाइप 1 और टाइप 2 मधुमेह दोनों का लक्षण हो सकता है। टाइप 1 एक ऑटोइम्यून स्थिति है, जिसमें पैनक्रियाज कोई इंसुलिन नहीं बनाता है। टाइप 2 डायबिटीज में शरीर इंसुलिन बनाता है, लेकिन इसका ठीक से उपयोग नहीं करता है। इसे इंसुलिन प्रतिरोध (Insulin resistance) कहा जाता है। इंसुलिन एक महत्वपूर्ण हार्मोन है जो कोशिकाओं को ऊर्जा के लिए ब्लड शुगर का उपयोग करने में मदद करता है। जब इसे ठीक से नहीं बनाया जाता है या उपयोग नहीं किया जाता है, तो यह हाई ब्लड शुगर का कारण बनता है। यह ठीक से नियंत्रित न होने पर पूरे शरीर में कई गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकता है।
टाइप 1 मधुमेह वाले लोगों में ऑटोइम्यून विकार विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके कारण एलोपेसिया एरीटा हो सकता है। इसमें प्रतिरक्षा प्रणाली हेयर फोलिक्ल पर हमला करती है, जिससे स्कैल्प और शरीर के अन्य हिस्सों के बाल झड़ने लगते हैं।
हाइपरग्लेसेमिया यानी हाई ब्लड शुगर तब होता है जब ब्लड में तैयार शुगर ऊर्जा के लिए कोशिकाओं में नहीं ले जाई जा सकता। यह इंसुलिन की कमी, इंसुलिन प्रतिरोध या दोनों के संयोजन के कारण हो सकता है। समय के साथ माइक्रोवस्कुलर यानी छोटी और मैक्रोवस्कुलर यानी बड़ी वेसल्स को नुकसान हो जाता है।
यदि पैरों में रक्त वाहिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, तो ब्लड फ्लो की कमी के कारण घुटनों के नीचे के बालों (diabetes and hair loss on legs) के रोम भी क्षतिग्रस्त हो सकते हैं। यह ऑक्सीजन और पोषक तत्वों के प्रवाह को बाधित करता है। इसके कारण हेयर फॉल हो सकता है।
मधुमेह के कारण थायराइड डिसऑर्डर भी हो जाते हैं। थायराइड हार्मोन लेवल में बाधा होने पर हेयर हेल्थ (diabetes causes hair fall) भी प्रभावित हो जाते हैं। मधुमेह से पीड़ित लोगों में तनाव हार्मोन कोर्टिसोल का स्तर भी हाई हो सकता है। इससे इंसुलिन प्रतिरोध बढ़ जाता है। अतिरिक्त कोर्टिसोल हेयर फोलिक्ल को नुक्सान कर हेयर फॉल के लिए जिम्मेदार हो सकता है।
बालों के झड़ने के आधार पर उपचार किया जा सकता है। कई मामलों में उपचार शुरू होते ही हेयर फॉल रूक जाते हैं।
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कस्टमाइज़ करेंहाई ब्लड शुगर खराब परिसंचरण और हार्मोनल असंतुलन से भी जुड़ा होता है। इसलिए ब्लड शुगर मैनेजमेंट से बालों के झड़ने को रोकने में मदद मिल सकती है। सामान्य ब्लड शुगर शुगर होने की समय सीमा पर भी निर्भर करती है। यदि लंबे समय से हाइपोग्लाइसीमिया है, तो ठीक होने में समय लगेगा।
बाल अधिक झड़ने पर डॉक्टर की सलाह पर कुछ दवाएं शुरू की जाती हैं। ये बालों के झड़ने (diabetes causes hair fall) का इलाज करने और बालों को दोबारा उगाने में मदद कर सकती हैं। कॉर्टिकोस्टेरॉइड क्रीम और इंजेक्शन भी दिए जाते हैं, पर यह बच्चों के लिए नहीं है।
मधुमेह से निपटने के लिए अपनी फिजिकल एक्टिविटी बढानी होगी। कई योगासन और एक्सरसाइज भी बालों का झड़ना रोकने (Yoga and Exercise to prevent Hair fall) में मददगार हो सकते हैं।
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