चिलचिलाती गर्मी के संपर्क में आते ही त्वचा के रंग में लालिमा बढ़ने लगती है। इससे चेहरे, पीठ, गर्दन और बाजूओं व पैरों पर स्किन रेडनेस का सामना करना पड़ता है। हांलाकि ये रैशेज सनबर्न के अलावा कई कारणों से बढ़ने लगते हैं, जो त्वचा पर खुजली और इरिटेशन का कारण साबित होते हैं। ऐसे में स्किन पर इंफ्लामेशन का सामना करना पड़ता है। सबसे पहले जानते हैं स्किन रेडनेस (skin redness) के कारण और फिर जानें उससे बचने के आसान उपाय।
साइंस डायरेक्ट की रिपोर्ट के अनुसार त्वचा की लालिमा हाइड्रोक्सोकोबालामिन के लाल रंग के कारण स्किन पर उभर आती है। ये त्वचा पर 4 से 8 दिन बाद तक बनी रहती है। तीव्रता से शरू होने वाली लालिमा (skin redness) चेहरे, गर्दन, कंधों, छाती और ऊपरी पीठ पर दिखने लगती है, जिससे दाने और फुंसियां नज़र आने लगती हैं।
अमेरिकन अकेडमी ऑफ डर्माटोलॉजी के अनुसार सनबर्न, एक्ने, पसीना, रोसैसिया, एलर्जी और डर्माटाइटिस के चलते स्किन रेडनेस (skin redness) की समस्या बनी रहती है। इसके अलावा गर्मी का बढ़ता प्रभाव ब्लड वेसल्स को एक्सटेंड करता है, जिससे त्वचा लाल और गुलाबी नज़र आने लगती है।
सेबोरहाइक डर्माटाइटिस एक लॉन्ग टर्म स्किन संबधी समस्या है। इससे त्वचा पर सूजन, इरिटेशन और खुजली का सामना करना पड़ता है। ये संक्रामक रोग नहीं है। इससे सिर, चेहरे, छाती और गर्दन की त्वचा मुख्य रूप से प्रभावित होती हैं। फ़ार्मेसी एंड थेरेप्यूटिक्स की रिपोर्ट के अनुसार सेबोरहाइक डर्मेटाइटिस एक फंगल इंफे्क्शन है, जो ऑयल प्रोडयूसिंग ग्लैंडस पर पाई जाती है। रिसर्च के अनुसार ये समस्या 12 प्रतिशत आबादी और 70 प्रतिशत शिशुओं को प्रभावित करती है।
एनआईएच के अनुसार रोसैसिया से त्वचा होने लगती है नाक व गालों पर दाने नज़र आते हैं। इससे आंखों की समस्या भी हो सकती है। ये लक्षण आमतौर पर आते जाते रहते हैं। धूप में समय बिताना या भावनात्मक तनाव इस समस्या के मुख्य कारण बनते हैं। ये समस्या कम होती जाती है और फिर से बढ़ने लगती है। इसके अलावा मसालेदार खाना, अल्कोहल, सूरज की रोशनी, तनाव और आंतों के बैक्टीरिया समस्या को ट्रिगर करते हैं।
गर्मी, पसीने और एलर्जी के कारण हीट रैश बढ़ जाता है। ये शरीर के उन हिस्सों पर विकसित होता है जो आपस में रगड़ खाते हैं जैसे कि जांघों के अंदर या बाजुओं के नीचे। इस समस्या के चलते तरल पदार्थ से भरे छोटे छोटे सफेद दाने नज़र आते है, जिससे त्वचा की लालिमा बढ़ने लगती है।
इसके चलते न केवल त्वचा लाल होती है बल्कि रंग परिवर्तन, सूजन, खुजली और दर्द का सामना करना पड़ता है। इससे प्रभावित क्षेत्र या मांसपेशियों में दर्द होने लगता है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर से अवश्य संपर्क करें
डेड स्किन सेल्स की समस्या के चलते पोर्स में ऑयल का सिक्रीशन बढ़ने लगता हैं। इसके चलते माथे, गाल, नाक और चिन पर एक्ने को देखा जाता है। इससे त्वचा का रूखापन बढ़ने लगता है और स्किन संबधी समस्याएं हल होने लगती हैं।
इस ऑटोइम्यून कंडीशन में त्वचा पर सूजन बढ़ने लगती है। विशेषज्ञ कहते हैं। सोरायसिस के मामलों में लाल धब्बे अक्सर कोहनी, घुटनों और स्कैल्प पर नज़र आने लगता हैं। इस स्वास्थ्य स्थिति में त्वचा का रंग लाल हो जाता है और खुजली की समस्या बढ़ने लगता है।
त्वचा पर उभरे हुए लाल निशान पित्त के कारण भी बढ़ने लगते है। वे अक्सर खुजली वाले होते हैंए और चुभन भी महसूस होती हैं। ये आमतौर पर गर्मी या फिर किसी भी पदार्थ की एलर्जी के कारण शरीर पर कहीं भी दिखाई दे सकते हैं। दवा या खाद्य पदार्थों के कारण भी हो सकता है।
हाइड्रेटिंग गुणों से भरपूर एलोवेरा जेल को त्वचा पर लगाने से स्किन संबधी समस्याओं का जोखिम कम होने लगता है। इसे चेहरे, गर्दन और बाजूओं पर लगाने से ठंडक महसूस होती है। रात को सोने के चलते इसे चेहरे पर अप्लाई करने से फायदा मिलता है।
स्किन की डीप क्लींजिंग के लिए फ्रेगरेंस फ्री क्लींजर का इस्तेमाल करें। इससे त्वचा पर बढ़ने वाली इरिटेशन कम होने लगती है और त्वचा का रूखापन भी कम हो जाता है। त्वचा पर बढ़ने वाली लालिता को कम करने के लिए इसे नियमित रूप से इस्तेमाल करें।
भरपूर मात्रा में पानी पीएं, ताकि शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का बैलेंस मेंटेन रहे। इससे गर्मी में हीट रैश का जोखिम कम होने लगता है और त्वचा का लचीलापन बना रहता है। शरीर को एक्टिव और हेल्दी रखने के लिए वॉटर इनटेक का बढ़ाएं।
ऐसे खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ, जो चेहरे पर लालिमा का कारण बनते हैं, उनसे बचने का प्रयास करें। इससे स्किन संबधी समस्रूओं का जोखिम कम हो जाता है और इरिटेशन से बचा जा सकता है। इसके लिए खानपान, दवा और मौसम में आने वाले बदलावों के अनुसार त्वचा का ख्याल रखें।
खुजली, जलन और त्वचा की लालिमा से राहत पाने के लिए कैलेमाइन लोशन का इस्तेमाल अवश्य करें। इससे कीड़े के काटने और सनबर्न जैसी स्थितियों को दूर किया जा सकता है। साथ ही स्किन संबधी अन्य समस्याओं से राहत मिल जाती है।
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