किसी की खुशबू से उसे पहचान लेना कोई बड़ी बात नहीं है। आपकी खुशबू आपकी पहचान बन जाती है। परफ्यूम और डियोज़ ही नहीं आप इत्र या कोलोन का इस्तेमाल करके भी अपने इम्प्रेसिव व्यक्तित्व को निखार सकती हैं। गर्मियों के मौसम में, पसीने की गंध आपकी पूरी पर्सानैलिटी के चार्म को नुकसान पहुंचा सकती है। ऐसे में परफ्यूम और डियो आपको तरोताजा और सुगंधित बनाए रखते हैं। पर क्या इन्हें सीधे स्किन पर लगाना सेफ है? आइए जानते हैं इस बारे में सब कुछ।
परफ्यूम या डियो और कुछ नहीं बल्कि खुशबूदार तेल और एल्कोहल का मिश्रण है। परफ्यूम या डियो की बॉटल में फ्रैगनेंट ऑयल होते हैं, जो या तो रासायनिक रूप से तैयार किए जाते हैं या नेचुरली प्राप्त होते हैं। फिर इन तेलों को अल्कोहल से पतला किया जाता है जो कि मेडिकल ग्रेड है और त्वचा पर 100% सुरक्षित प्रमाणित है। असली परफ्यूम तेलों में पाया जाता है। अल्कोहल का कार्य इन तेलों को प्रिज़र्व करना है।
एनसीबीआई के एक शोध के अनुसार परफ्यूम व डिओडरेंट आपके पसीने की ग्रंथियों को प्रभावित करते हैं और शरीर की टॉक्सिफिकेशन की प्राकृतिक प्रक्रिया को भी नुकसान पहुंचाते हैं।
इन्हें त्वचा पर सीधे लगाने या न लगाने को लेकर शंका बनी रहती है क्योंकि कई बार स्किन पर सीधे इस्तेमाल करने के साइड इफेक्ट भी देखने को मिलते हैं इतना ही नहीं इनकी खुशबू के ज़्यादा समय तक टिकने को लेकर भी सवाल उठता रहता है।
जानिए क्या है विशेषज्ञ की राय
इन्हीं मुद्दों पर ज़्यादा जानने के लिए हमने बात की मेरठ के स्किन स्पेशलिस्ट डॉक्टर अनुराग आर्य से। डॉक्टर आर्य के अनुसार डिओडरेंट या परफ्यूम में हानिकारक केमिकल्स मौजूद होते हैं, जो आपकी त्वचा में जलन पैदा कर उसे बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर सकते हैं। यह त्वचा में खुजली पैदा कर उसे हानि पहुंचा सकते हैं। परफ्यूम के इस्तेमाल से एलर्जी होने का भी डर रहता है।
डॉक्टर आर्य कहते हैं कि परफ्यूम मे मौजूद एल्कोहल त्वचा की नमी को सोख लेता है, जिससे कई प्रकार की त्वाचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। कई बार इनमें मौजूद न्यूरोटॉक्सिन आपके नर्वस सिस्टम को भी प्रभावित करने का काम कर सकता है।
इतना ही नहीं इनके कारण कई बार त्वचा में घाव या अजीब तरह के निशान भी बन जाते हैं जिनमें बैक्टीरिया पनप सकते हैं। इनमें मौजूद कुछ केमिकल आपकी सेहत को बिगाड़कर, हार्मोन्स में असंतुलन पैदा कर सकते हैं। इससे आपको कई गंभीर बिमारियों का का सामना करना पड़ सकता है।
डिआडरेंट में मौजूद केमिकल आपको अल्जाइमर दे सकते हैं। इसके अलावा सांस संबंधी समस्याएं पैदा करने में यह केमिकल सहायक साबित होते हैं। अत्यधिक तेज गंध होने के कारण यह आपकी नाक के तंतुओं को भी क्षतिग्रस्त कर सकते हैं। इसलिए इसका जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
अगर आपकी त्वचा के संवेदनशील क्षेत्रों पर एल्कोहल का इस्तेमाल किया जाए तो यह खतरनाक हो सकता है। साथ ही एल्कोहल भी वाष्पित हो जाती है। यदि आप गर्म स्नान के ठीक बाद अपनी कांख में परफ्यूम या डियो छिड़कने जा रहे हैं, तो आप एल्कोहल को वाष्पित होने के लिए कोई जगह नहीं छोड़ने वाले हैं। सबसे अधिक संभावना है, आप अपने अंडर-आर्म की संवेदनशील त्वचा को खत्म कर देंगे।
नहीं! परफ्यूम आपके शरीर के पल्स पॉइंट्स पर लगाने के लिए बना होता है। एक नाड़ी बिंदु (veins- जहां पल्स चेक की जाती है) आपकी त्वचा पर सबसे अधिक/निरंतर रक्त प्रवाह (continuous blood flow) वाला क्षेत्र है। इसका मतलब है कि आपकी त्वचा के अन्य क्षेत्रों (skin area) की तुलना में यह क्षेत्र अधिक गर्म होते हैं। त्वचा पर अधिक गर्मी का अर्थ है अधिक वाष्पीकरण (Evaporation)। इस तरह, अल्कोहल तेजी से उड़ जाता है और आपके परफ्यूम को आपके बॉडी पर चारों ओर खुशबू का एक सर्कल बनाने में भी मदद करेगा।
कलाई, आपकी गर्दन के दोनों ओर, कानों के शीर्ष के पीछे, कोहनी के अंदर, आपके घुटनों के पीछे आपके शरीर के कुछ खास वेंस पॉइंट (veins point) हैं जिनपर खुशबू का इस्तेमाल करना चाहिए।
ऐल्कोहल ड्राइनेस की समस्या को जन्म देता है और एलर्जी, चकत्ते या लालिमा (रेडनेस) पैदा हो सकते हैं। आपकी त्वचा संवेदनशील (sensitive) है, तो संभावना है कि आप परफ्यूम या डियो को लगाने के साथ ही इन लक्षणों को पाएंगे। इसका एकमात्र समाधान आपकी त्वचा को मॉइस्चराइज़ करना है।
डॉक्टर अनुराग की सलाह मानें तो ड्राईनेस की समस्या से बचने के लिए आपको अपनी त्वचा पर गंध रहित अच्छा मॉइस्चराइज़र लगाना चाहिए, खासकर स्किन की उस जगह पर जहाँ आप अपने परफ्यूम या डियो को स्प्रे करना चाहते हैं।
मॉइस्चराइजर लगाएं, कुछ मिनट के बाद परफ्यूम या डिओ स्प्रे करें। ऐसे में, आपका परफ्यूम या डियो आपके मॉइस्चराइजर में मौजूद तेलों के साथ अच्छी तरह से मिक्स हो जाएगा और लंबे समय तक चलेगा। यदि आप अभी भी अपनी त्वचा पर परफ्यूम का उपयोग करने को लेकर क्रेज़ी हैं, तो इसे अपने बालों पर इस्तेमाल करें। ध्यान रहे स्कैल्प नहीं, आपके बाल।
सेंट लगाते समय हम सभी की एक अनकॉन्शियस आदत होती है। हम स्प्रे करते हैं और फिर अपनी कलाइयों को एक साथ रगड़ते हैं ताकि किसी तरह परफ्यूम या डियो की प्रभावशीलता को बढ़ाया जा सके। रगड़ के कारण होने वाला घर्षण न केवल फ्रैग्नेंस सेल को नुकसान पहुंचाता है और आपके परफ्यूम या डियो की प्रोफ़ाइल को नुकसान पहुंचाता है यानी उसके असर कम करता है। सबसे अधिक संभावना है कि परफ्यूम या डियो की खुशबू जल्दी ही उड़ जाए।
इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि एल्कोहल को आपकी त्वचा पर जोर से रगड़ने से भी आपको रैशेज़ जैसी दिक्कत हो सकती है। एल्कोहल चूंकि इवैपोरेट होने वाला केमिकल है जो अपने आप गायब हो जाता है इसलिए अपने परफ्यूम एप्लाई कर आपको एल्कोहल की तरफ से परेशान न हों।
कुल मिलाकर, परफ्यूम एप्लाई करने से पहले अपनी त्वचा को मॉइस्चराइज़ करें और पल्स पॉइंट्स पर परफ्यूम लगाएं। परफ्यूम स्वाभाविक रूप से संवेदनशील त्वचा के अनुरूप बनाए जाते हैं। हालांकि, अगर आपको परफ्यूम या उस बोतल में इस्तेमाल होने वाले कुछ केमिकल्स से एलर्जी है, तो मौजूद तत्त्वों की लिस्ट को ध्यान से पढ़ें और अगर आपका एलर्जिक तत्त्व परफ्यूम या दियो में हो तो उससे दूर रहें। परफ्यूम का इस्तेमाल करने से घबराएं नहीं क्योंकि यह आपकी पर्सनैलिटी को इम्प्रेसिव बनाने वाली चीज़ों काअहम हिस्सा हैं। बस ज़रुरत है कुछ बातों का ध्यान रखें और प्रेजेंटेबल बनी रहें।
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