हाइपरपिग्मेंटेशन बढ़ती उम्र में एक सामान्य समस्या है। इसके कारण त्वचा के कुछ हिस्से आसपास की त्वचा की तुलना में गहरे हो जाते हैं। यह तब होता है जब त्वचा अधिक मेलेनिन उत्पन्न करती है, जो त्वचा को उसका रंग देती है। इसके घरेलु उपाय के लिए चावल के आटे के उपयोग की सलाह दी जाती है। इस समस्या और इसके निवारण के बारे में गहराई से समझने के लिए हेल्थशॉट्स टीम ने बात करी श्रीबालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट, दिल्ली में डर्मेटोलॉजिस्ट, सीनियर कंसल्टेंट, डॉ. विजय सिंघल से।
हाइपरपिग्मेंटेशन को समझाते हुए डॉ. विजय कहते हैं कि यह एक ऐसे स्थिति है जो त्वचा के कुछ हिस्सों को दूसरों की तुलना में गहरा बना देती है। त्वचा के रंग में बदलाव बहुत आम है, खासकर गहरी त्वचा पर, क्योंकि उसमें पहले से ही अधिक मेलेनिन होता है। जलने, चोट, मुंहासे या अन्य त्वचा के नुकसान के कारण त्वचा अधिक मेलेनिन बना सकती है, जिससे काले धब्बे बन जाते हैं।
इन्हें “लिवर” के धब्बे भी कहा जाता है, त्वचा पर भूरे या काले धब्बे होते हैं। ये आमतौर पर सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आने के कारण होते हैं और उम्र बढ़ने के साथ बढ़ सकते हैं। ये धब्बे ज्यादातर चेहरे, हाथों और कंधों पर दिखाई देते हैं। इन्हें रोकने के लिए नियमित रूप से सनस्क्रीन का उपयोग करना और त्वचा की देखभाल करना जरूरी है। अगर धब्बे बढ़ते हैं या बदलते हैं, तो त्वचा विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।
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एक त्वचा की समस्या है, जिसमें चेहरे पर भूरे या काले धब्बे बनते हैं, खासकर गालों, नाक और माथे पर। यह आमतौर पर हार्मोनल बदलाव, प्रेग्नेंसी के दौरान या काॅन्ट्रासेप्टिव पिल्स के उपयोग के कारण होता है। सूरज से निकलने वाली यू वी रेज भी इसके लिए एक बड़ा ट्रिगर हो सकती है। मेलाज्मा को रोकने के लिए सनस्क्रीन का नियमित उपयोग महत्वपूर्ण है, और उपचार में क्रीम, लेज़र या कैमिकल पीलिंग भी शामिल हो सकते हैं।
यह एक ऐसी त्वचा संबधित समस्या है, जिसमें किसी चोट, सूजन, या मुँहासे के कारण त्वचा पर भूरे या काले धब्बे बन जाते हैं। यह शरीर की सूजन की प्रतिक्रिया के रूप में होता है, जिसमें मेलानिन का उत्पादन बढ़ जाता है। यह अक्सर चेहरे, गर्दन और शरीर के अन्य हिस्सों पर दिखाई देता है। PIH को रोकने के लिए सूजन को कम करना महत्वपूर्ण है, और इसके उपचार में क्रीम, लेज़र थेरेपी या कैमिकल पीलिंग शामिल हो सकते हैं। यदि समस्या बढ़े, तो त्वचा विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है।
कभी कभी कुछ दवाएं और विशेष स्वास्थ्य समस्याएं भी हाइपरपिग्मेंटेशन का कारण बन सकती हैं।
डॉ. विजय आगे जोड़ते हैं कि चावल का आटा हाइपरपिगमेंटेशन को दूर करने में मदद कर सकता है, क्योंकि इसमें कई ऐसे गुण होते हैं जो आपकी त्वचा के लिए लाभदायक होते हैं। इसमें विटामिन ई और सी होते हैं, एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, अल्फा हाइड्रॉक्सी एसिड होता है, जो त्वचा की डेड स्किन सेल्स को हटाता है। वहीं चावल का आटा त्वचा की इन्फ्लेमेशन को कम करता है, जिससे हाइपरपिगमेंटेशन कम होता है।
सबसे पहले चावल के आटे को पानी में मिलाकर पेस्ट बनाएं, इस पेस्ट को त्वचा पर लगाएं और 20 मिनट तक छोड़ दें, फिर त्वचा को साफ पानी से धो लें, सप्ताह में 2-3 बार इसका उपयोग करें। इसके अलावा यहां कुछ अन्य DIY रेमेडीज दी गई हैं जिनसे आप घर पर फेशियल कर सकते हैं।
1.चावल को धो कर रात भर के भिगो कर छोड़ दें। सुबह उठकर उस पानी को छान लें। यह आपका राइस वाॅटर क्लींजर तैयार है, जो जमी हुई सारी गंदगी एक बार में निकाल देता है।
2. चावल के आटे, बेसन और दही को मिलाकर उबटन बनाएं। इससे चेहरा धोने से दाग धब्बे हल्के होते हैं। यह मिश्रण त्वचा में निखार लाने में मदद करता है।
3. चावल के पानी में चावल के आटे को मिलाकर एक स्क्रब तैयार किया जा सकता है। ड्राई स्किन हो तो इसमें नारियल का तेल मिलाकर इस्तेमाल करना बेहतर होगा। इसे हल्के हाथों से मसाज करें और 5 मिनट बाद धो लें।
4. चावल के आटे में एलोवेरा जेल और दूध मिलाकर आप एक मसाजिंग क्रीम बना सकते हैं। अच्छे से 10 मिनट मसाज करने के बाद धो कर।
5. चावल के पानी की स्टीम लेने से आपकी त्वचा के पोर्स खुल जाते हैं। और आगे इस्तेमाल किए जाने वाले प्रोडक्ट्स त्वचा में अंदर तक जाते हैं।
6. चावल के पानी में विटामिन ई तेल और एलोवेरा जेल मिलाकर सिरम तैयार करें। आप चाहें तो इसमें खुशबू के लिए एसेंशियल ऑयल डाल सकती हैं।
अब इन रेमेडीज के गुणों को त्वचा में लाॅक करने के लिए। एक अच्छे मॉइस्चराइज़र का इस्तेमाल करें। इसमें आप एक बात यह भी ध्यान रखें कि अपने डॉक्टर से जरूर परामर्श लें। किसी भी उपाय को लागू करने से पहले पैच टेस्ट अवश्य करें। इन उपायों का उपयोग सप्ताह में 2 बार कर सकते हैं।
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