बीसवैक्स (Beeswax) या मधुमोम एक प्राकृतिक सामग्री है, जो इन दिनों कॉस्मैटिक और ब्यूटी उत्पादों में खूब इस्तेमाल की जा रही है। अगर आपने यह पहली बार सुना है, तो यकीनन आप भी यह जानने के लिए उत्सुक होंगे कि आपके स्किनकेयर उत्पादों में बीसवैक्स क्यों मिक्स किए जा रहे हैं। वास्तव में मधुमक्खियों के इस वेस्ट में उपचार गुण होते हैं और सदियों से गले की खराश से लेकर मामूली खरोंच और जलन तक बहुत सी समस्याओं के उपचार में इस्तेमाल किए जा सकते हैं।
बीजवैक्स स्किन केयर में इस्तेमाल की जाने वाली सबसे पुरानी कच्ची सामग्री में से एक है और इसके प्राकृतिक रूप स्किन के लिए लाभों के कारण आज भी इसका उपयोग किया जाता है। लेकिन बीजवैक्स क्या है? बीजवैक्स एक प्राकृतिक वैक्स है जो एपिस प्रजाति की मधुमक्खियों द्वारा बनाया जाता है।
श्रमिक मधुमक्खियां इसे अपने पेट पर स्थित ग्रंथियों से स्रावित करती हैं। ताकि शहद को संग्रहीत करने और लार्वा की रक्षा करने के लिए छत्ते की कोशिकाएं बनाई जा सकें।
बीसवैक्स का मेलटिंग पॉइंट हाई होता है, इसकी सुगंध शहद जैसी होती है और इसका रंग पीला से भूरा होता है। इसका उपयोग ब्यूटी उत्पादों, स्किन केयर के उत्पाद, मोमबत्तियां, पॉलिश और खाद्य सहित विभिन्न चीजों में किया जाता है, क्योंकि इसमें नमी प्रदान करने वाले, सुरक्षात्मक और जलरोधी गुण होते हैं।
हम सभी ने मोमबत्ती जलाई है और कठोर वैक्स को पिघलते हुए देखा है। वैक्स सुरक्षित, ढाले जा सकने वाले प्लास्टिक की तरह है। ठंडा होने के बाद, यह जिस चीज को छूता है, उस पर एक बैरियर बना देता है।
जब पीले मधुमोम की बात आती है तो ये त्वचा पर उसी तरह काम करती है जिस तरह स्किन बैरियर की पतली परत स्किन को बचाने के लिए मदद करती है। क्रीम और जैल में इस्तेमाल किए जाने पर, बीजवैक्स त्वचा को सूक्ष्म धूल, धुंध और सिगरेट के धुएं जैसे पर्यावरण प्रदूषकों से बचाता है। इन पदार्थों में अक्सर मुक्त कण होते हैं, मुक्त कण हमारी कोशिकाओं में प्रवेश कर सकते हैं और उनके डीएनए को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे हमारी कोशिकाएं समय से पहले बूढ़ी हो जाती हैं।
शहद और मधुमोम को बहुत करीबी चचेरे भाई कहा जा सकता हैं, इसलिए यह समझ में आता है कि इन दोनों पदार्थों में लाभकारी गुण हैं। मधुमोम में शहद की तरह ही सूजन-रोधी और जीवाणुरोधी गुण होते हैं, जो आपकी त्वचा को साफ और कोमल रखने में मदद कर सकते हैं।
मधुमोम के ये गुण बैक्टीरिया और फंगस को दूर रखने में बेहतरीन हैं। मधुमोम बैक्टीरिया और फंगस को दूर रखकर सूजन और संक्रमण को दूर रखता है। ये गुण उन लोगों के लिए भी उपयोगी हैं जो पुरानी स्किन संबंधी बीमारियों जैसे कि सोरायसिस, एक्जिमा और अन्य सामान्य त्वचा संबंधी बीमारियों से जूझ रहे हैं।
मधुमोम हमारी त्वचा को नमी प्रदान कर सकता है। मधुमोम हमारी त्वचा पर एक जलरोधी परत प्रदान करके पानी के अणुओं को लॉक करता है, जिससे यह हाइड्रेटेड और नमीयुक्त रहती है। इसका मतलब है कि मोम सबसे अच्छे DIY मॉइस्चराइज़र में से एक है, जो हमारी त्वचा को नरम, अधिक लचीला और अधिक कोमल बनाता है।
यह विशेष रूप से उपयोगी है क्योंकि कुछ कॉस्मेटिक और यहाँ तक कि मेकअप उत्पाद हमारी त्वचा को शुष्क कर सकते हैं। सबसे खराब चीजों में पाउडर और कुछ एक्सफ़ोलीएटिंग और क्लींजिंग पदार्थ शामिल हैं।
मधुमोम को अरंडी के तेल, जोजोबा तेल या बादाम के तेल जैसे तेलों के साथ और विटामिन ई के साथ मिलाकर, आपकी त्वचा को लचीला बनाए रखने और सूखने से रोकने में और भी अधिक प्रभावी हो सकता है।
सर्दी हो या गर्मी, दोनों तापमानों का हमारी त्वचा और होठों पर एक जैसा ही असर होता है। गर्मियों में भी लोग बहुत अधिक समय एयर-कंडीशन वाले कमरों में बिताते है जिससे आपके होंठ भी सूख सकते हैं। और इतना ही नहीं, सूखे होंठ जल्दी ही फटे होंठों में बदल जाते हैं, और कोई भी ऐसा नहीं चाहता।
मधुमोम लिप बाम में इस्तेमाल होने वाले मुख्य पदार्थों में से एक है और इसका एक अच्छा कारण भी है। मधुमोम हमारी त्वचा की रक्षा कर सकता है और एक सुरक्षात्मक परत बना सकता है। ऐसा करने से, यह हमारी त्वचा को शांत और हाइड्रेटेड रखता है। यही बात हमारे होठों के लिए भी काम करती है।
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