तनाव, पॉल्यूटेंटस और मौसम में आने वाले बदलाव स्किन को कई प्रकार से नुकसान पहुंचाने लगते हैं। स्किन को इन चीजों के प्रभाव से मुक्त रखने के लिए कई प्रकार के ब्यूटी प्रॉडक्टस और थेरेपीज़ का प्रयोग किया जाता है। केमिकल्स के संपर्क में आने से त्वचा की रंगत और उसके टैक्सचर को नुकसान का सामना करना पड़ता है। ऐसे में जैसमीन ऑयल (jasmine oil) का इस्तेमाल त्वचा को न केवल एजिंग के प्रभावों से मुक्त करता है बल्कि इससे त्वचा का लचीलापन भी बना रहता है। जानते हैं जैसमीन ऑयल किस प्रकार से है स्किन के लिए फायदेमंद।
जैसमीन ऑयल यानि चमेली का तेल सफेद फूलों से प्राप्त होता है जिसे जैस्मीनुन ऑफ़िसिनेल भी कहा जाता है। इसकी बेहतरीन महक के चलते इस असेंशियल ऑयल (essential oil) का प्रयोग इत्र में भी किया जाता है। इसे लगाने से स्किन संबधी समस्याएं हल होने लगती है। अरोमाथेरेपी (aromatherapy) के लिए प्रयोग किए जाने वाले इस तेल से तनाव को भी दूर करने में मदद मिलती है।
जैसमीन ऑयल (jasmine oil) में मौजूद एंटीऑक्सीडेंटस की मात्रा स्किन को फ्री रेडिकल्स के प्रभाव से मुक्त करती है। इसे चेहरे पर लगाने से स्किन सेल्स रिपेयरिंग (skin cell repairing) में मदद मिलती है और त्वचा पर बनने वाली झुर्रियों से बचा जा सकता है। माथे, होठों और आंखों के नज़दीक दिखने वाली महीन रेखाएं कम होने लगती है और स्किन की इलास्टीसिटी (skin elasticity) इंप्रूव होने लगती है।
नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ हेल्थ के अनुसार चमेली के तेल में एंटी इंफ्लामेटरी प्रॉपर्टीज़ (anti inflammatory) पाई जाती है। इससे नई कोश्किओं का विकास होता है। साथ ही सोरायसिस की समस्या से भी राहत मिल जाती है। इसमें पाए जाने वाले एंटीसेप्टिक गुण स्किन संक्रमण से भी त्वचा की रक्षा करते हैं।
इसे चेहरे पर अप्लाई करने से त्वचा को रूखापन कम हो जाता है और सीबम प्रोडक्शन बढ़ने लगता है। इससे त्वचा पर नेचुरल ऑयल मौजूद रहता है और स्किन मुलायम और ग्लेई बनी रहती है। चमेली का तेल स्किन के लिए नेचुरल मॉइश्चराइज़र (natural moisturizer) के रूप में काम करता है। इससे स्किन यूथफुल और रेडिएंट लगने लगती है।
सन एक्पोज़र के चलते टैनिंग (tanning) और दाग धब्बों को दूर करने के लिए चमेली के तेल को रात को सोन से पहले चेहरे पर लगाएं। इससे स्किन में कोलेजन की मात्रा बढ़ती है और झाइयों से मुक्ति मिल जाती है। इसके अलावा मुहासों से भी मुक्ति मिल जाती है। नियमित तौर पर इसे लगाने से स्किन टिशूज की मरम्मत में मदद मिलती है।
स्किन को किसी भी प्रकार की एलर्जी से बचाने के लिए चमेली के तेल को नारियल तेल जैसे किसी भी कैरियर ऑयल में मिलाकर कुछ बूंद चेहरे पर लगाएं। वे लोग जिनकी त्वचा संवेदनशल है, वे पैच टेस्ट के बाद इसका इस्तेमाल चेहरे पर कर सकते हैं।
अरोमाथेरेपी के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला सुगंधित तेल स्किन को हाइड्रेट रखता है। इसे रात को सोने से पहले चेहरे पर लगाएं और बाथटब में एड करके नहाएं। इससे त्वचा का रूखापन कम होने लगता है।
चमेली के फूलों के लेप में शहद और ओटमील पाउडर मिलाकर चेहरे और गर्दन पर लगाने से स्किन स्मूद और मुलायम बनने लगती है।
मॉइश्चराइजिंग गुणों से भरपूर चमेली के फूलों को पानी में उबालकर उस पानी में एलोवेरा जेल को मिलाएं और टोनर के रूप में स्किन पर इस्तेमाल कर सकते हैं।
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