बालों का टूटना और झड़ना एक आम समस्या है, जिसे हल करने के लिए कई तरह के शैम्पू और सीरम का प्रयोग किया जाता है। दरअसल, शरीर के विकास के साथ हेयरग्रोथ के लिए बालों को भी पोषण की आवश्यकता होती है। ऐसे में आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर बटाना ऑयल बालों के रूखेपन को कम करके नमी को रिस्टोर करने में मदद करता है। इसके अलावा सर्दी के आगमन के साथ बढ़ने वाली रूसी की समस्या को भी हल किया जाता है। सबसे पहले जानते हैं क्या है बटाना ऑयल (Batana oil benefits) और इससे बालों को किस तरह से मिलता है फायदा।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार बटाना तेल एलेइस ओलीफेरा कर्नेल तेल से बनाया जाता है। इसे अमेरिकी पाम ऑयल भी कहा जाता है। अमेरिकन पाम के पेड़ पर लगने वाले फलों में तेल की उच्च मात्रा पाई जाती है, जिससे तेल तैयार किया जाता है। इससे बालों के झड़ने यानी एलोपेसिया की समस्या को रोका जा सकता है।
ब्यूटी एक्सपर्ट रेखा कुमारी बता रही हैं कि रहे हैं कि बटाना ऑयल में पोषक तत्वों की उच्च मात्रा पाई जाती है। इसमें मौजूद ओलिक एसिड, लिनोलिक एसिड और स्टीयरिक एसिड जैसे फैटी एसिड फैटी एसिड पाए जाते है। इससे स्कैल्प पर संक्रमण का प्रभाव कम होता है और त्वचा में नमी बरकरार रहती है। इसके अलावा बटाना ऑयल में केराटिनॉइड्स की भी मात्रा पाई जाती है। इससे बालों को विटामिन ए की प्राप्ति होती है, जिससे ऑक्सीडेटिव तनाव का खतरा कम होने लगता है।
विटामिन ई से भरपूर बटाना ऑयल को बालों में लगाने से नमी को रिस्टोर करने में मदद मिलती है। इससे बाल हाइड्रेट रहते है, जिससे बालों की स्मूदनेस बरकरार रहती है। इस प्लांट बेस्ड ऑयल से बालों की जड़ों को मज़बूती मिलती है, जिससे हेयरफॉल की समस्या हल हो जाती है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार इस तेल को स्प्लिट एंडस पर लगाने से हेयरफॉल कम होता है और बालों की ग्रोथ बढ़ने लगती है। इसे बालों में लगाकर स्कैल्प मसाज करने से फॉलिकल्स को मज़बूती मिलती है, जिससे हेयर डेंसिटी में सुधार आने लगता है और बदलते मौसम में भी बालों की ग्रोथ प्रभावित नहीं होती है।
बटाना तेल में बहुत सारे एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन ई की मात्रा पाई जाती हैं। इससे सकैल्प पर बढ़ने वाले ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने हेयरग्रोथ को बूस्ट करने में मदद मिलती है। इसमें मौजूद केराटिनॉइड्स की मात्रा बालों के वॉल्यूम को बढ़ाकर उसकी मज़बूती को बढ़ाने में भी मदद करती है।
इसके इस्तेमाल से उम्र से पहले बढ़ने वाले सफेद बालों की समस्या से बचा जा सकता है। इसे अप्लाई करने से बालों को नेचुरल पिगमेंट बरकरार रहता है, जिससे ग्रे हेयर की समस्या हल हो जाती है। इससे बालों की शाइन भी बनी रहती है। साथ ही केमिकल्स के प्रभाव से भी मुक्ति मिलती है।
बटाना तेल में टोकोफ़ेरॉल और टोकोट्रिएनॉल कंपाउड पाए जाते है। इससे बालों में बढ़ने वाला रूखापन कम होता है और हेयरफॉल से भी बचा जा सकता है। बालों की जड़ों को नरिशमेंट मिलने से सकैल्प इचिंग से बचा जा सकता है। सन डैमेज से बचने के लिए सप्ताह में दो बार इसका इस्तेमाल अवश्य करें।
बालों को धोने से 30 मिनट पहले अस तेल को हल्का गुनगुना करके स्कैलप पर मसाज करें। इससे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और जड़ों को भी मज़बूती मिलने लगती है। चंपी करने के बाद बालों को कवर कर लें और फिर माइल्ड शैम्पू का इस्तेमाल करके बालों को धोएं।
बटाना ऑयल को लीव इन कंढीशन मे मिलाकर लगाने से हेयर स्मूदनेस बनी रहती है। दरअसल, बटाना ऑयल में फैटी एसिड और फाइटोस्टेरॉल पाए जाते है, जो एमोलिएंट होते हैं। इससे बालों की नमी और शाइन बरकरार रहती है।
क्रीमी टैक्सचर से भरपूर एवोकाडो में बटाना ऑयल को मिलाकर एक पेस्ट तैयार कर ले। अब इसे बालों में 15 से 20 मिनट के लिए लगाकर छोड़ दें। इससे हेयरफॉल की समस्या से बचा जा सकता है। नियमित तौर पर इसका इस्तेमाल बालों की मज़बूती को बढ़ाने में मदद करता है।
रीठा, शिकाकाई की कलियों और सूखे काले आंवला के मिश्रण को तैयार करके उसमें बटाना ऑयल की कुछ बूंदों को मिलाएं। अब इससे बालों को धोने से फ्री रेडिकल्स का प्रभाव कम हो जाता है, जिससे हेयरग्रोथ में मदद मिलती है।