पिंपल्स, एक्ने या मुंहासे स्किन इन्फ्लेमेशन की समस्या के कारण होते हैं, जो आमतौर पर चेहरे को प्रभावित करते हैं। कभी-कभी कंधे, पीठ, गर्दन, छाती या ऊपरी बाहों को भी ये प्रभावित करते हैं। यह किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन यह अक्सर प्यूबर्टी एज में होता है, जब सीबेशियस ग्लैंड्स सक्रिय होती हैं। हालांकि यह हानिकारक नहीं होता है, लेकिन यह स्किन पर निशान छोड़ सकता है। यहां जानिए वे उपाय जो आपको एक्ने और पिंपल्स (Tips to avoid acne and pimples) से बचा सकते हैं।
तेल (सीबम) का अत्यधिक उत्पादन, ऑयल के कारण स्किन पोर्स ब्लॉक होना, बैक्टीरिया के कारण स्किन सेल्स का संक्रमित होना। विभिन्न अध्ययनों के अनुसार, कुछ खाद्य पदार्थ खाने से मुंहासे बढ़ सकते हैं।
बैलेंस्ड डाइट मुंहासे से जूझ रहे लोगों के पक्ष में काम कर सकता है। जानी-मानी न्यूट्रिशनिस्ट और डीप हेल्थ कोच सिमरुन चोपड़ा ने आहार संबंधी कुछ सुझाव साझा किए, जो मुंहासों की समस्याओं से लड़ने में मदद कर सकते हैं।
एक ऐसा आहार जिसमें ग्लूटेन मौजूद रहने वाले फूड को अवॉयड किया जाता है, उसे ग्लूटेन फ्री आहार के रूप में जाना जाता है। यदि आपकी स्किन ग्लूटेन के प्रति संवेदनशील है, तो ग्लूटेन-मुक्त आहार आपको मुंहासों को रोकने में मदद कर सकता है।
जौ, राई, ट्रिटिकल और गेहूं में ग्लूटेन होता है। इसलिए आपको इन अनाज को खाने से बचना चाहिए। कुछ प्राकृतिक ग्लूटेन-मुक्त वस्तुओं में सब्जियां, फल, सेम, बीज, फलियां, नट, अंडे और बिना प्रोसेस किया हुआ मीट, सी फूड, चिकेन भी शामिल हैं। आप अपने डायटीशियन से भी अपने लिए ग्लूटेन-मुक्त आहार दिनचर्या बनाने के लिए कह सकती हैं।
गायों को आर्टिफिशियल हार्मोन दिए जाते हैं। यह उनके द्वारा उत्पादित दूध की मात्रा को प्रभावित करते हैं। रिसर्च के अनुसार, ऐसे डेयरी प्रोडक्ट्स के सेवन से आपके हार्मोन का संतुलन बिगड़ सकता है। इसके परिणामस्वरूप मुंहासे हो सकते हैं।
दूसरे हाइपोथेसिस के अनुसार, दूध में मौजूद ग्रोथ हार्मोन के कारण मुंहासे की समस्या और अधिक बढ़ सकती है।
औसत इंडियन डाइट में ज्यादा मात्रा में फैटी एसिड मौजूद होते हैं। इनके सेवन से सूजन और मुंहासे की समस्या बढ़ जाती है। यह डाइट में तेल के हाई लेवल के कारण हो सकता है, जो ओमेगा -6 फैटी एसिड में हाई होता है। फैटी एसिड की यह अधिकता शरीर के इन्फ्लेमेशन का कारण बनती है, जिससे मुंहासे की समस्या बढ़ जाती है।
डॉ. चोपड़ा कहती हैं, “एक सप्ताह के लिए इन खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें। इसके बाद आप फर्क जरूर महसूस करेंगी। आप लगातार इस बात की जांत करती रहें कि कौन सा भोजन आपकी समस्या को बढ़ा रहा है। उसे अपनी डाइट से हटाएं और हेल्दी फूड को जोड़ें।’
चोपड़ा कहती हैं, ‘विटामिन और गुड फैट के स्रोत वाले एक टीस्पून बढ़िया बीज को अपने आहार में शामिल करें।’
ओमेगा -3 फैटी एसिड एक ऐसा पोषक तत्व है, जो मुंहासे के उपचार में सहायता कर सकता है। मछली के तेल, सैल्मन, नट्स और सीड्स में यह पाया जाता है। ओमेगा -3 फैटी एसिड का बढ़िया स्रोत मछली का तेल है। फैटी एसिड सामान्य स्किन हेल्थ के साथ-साथ एक्जिमा और मुंहासे जैसी स्किन प्रॉब्लम को दूर करने में मदद कर सकता है।
पानी त्वचा से विषाक्त पदार्थों और बैक्टीरिया को हटाने में मदद करता है। इसलिए स्किन पोर्स के बंद होने का खतरा कम हो जाता है। यह स्किन को मॉइस्चराइज करने में भी मदद करता है। कोलेजन फॉर्मेशन और स्किन सेल्स को नया करने में भी बढ़ावा देता है।
पीले और नारंगी रंग के फल और सब्जियां अपने एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण मुंहासों को दूर करने में मदद कर सकती हैं। पीले और नारंगी फल और सब्जियां जैसे गाजर, खुबानी और शकरकंद खाने की सलाह दी जाती है।
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