वातावरण में बढ़ता प्रदूषण, जीवनशैली संबंधी गलतियां, असंतुलित खानपान, तनाव और अन्य मानसिक समस्याएं त्वचा पर दुष्प्रभाव डालते हैं। इन साइड इफैक्ट्स को कम करने के लिए आप भी यकीनन कोई न कोई स्किन केयर प्रोडक्ट चुनती होंगी। पर क्या आप जानती हैं, सुपर इफेक्टिव होने का दावा करने वाले कुछ ब्यूटी प्रोडक्ट्स खतरनाक केमिकल से भरे होते हैं। जो आपकी स्किन को रिपेयर करने की बजाए उसे और ज्यादा डल और ड्राई बना देते हैं। जी हां, और इनके बारे में हर कंपनी प्रोडक्ट के लेबल पर भी लिख देती है। अगर आप भी सिर्फ विज्ञापनों पर भरोसा कर लेती हैं, तो लेबल पढ़कर उन केमिकल्स के बारे में भी जानिए, जो आपकी स्किन को बर्बाद कर रहे हैं।
इन प्रोडक्ट्स को बनाने में इस्तेमाल हुए केमिकल त्वचा को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं। हालांकि, इसके लिए आपको स्किन केयर प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल होने वाले इंग्रेडिएंट्स की जानकारी होना महत्वपूर्ण है। कई ऐसी सामग्रियां हैं जो त्वचा के लिए हानिकारक हो सकती हैं, इसलिए किसी भी प्रोडक्ट को खरीदने से पहले उसके इंग्रेडिएंट्स को जरुर चेक करें। ऐसा करने से आप एक सुरक्षित और सही प्रोडक्ट का चयन कर पाएंगी।
यदि आप सोच रही वे कौन से केमिकल इंग्रेडिएंट्स हैं, जिन्हें अवॉइड करना है, तो चिंता न करें आज हेल्थ के साथ जानेंगे ऐसे पांच इंग्रेडिएंट्स की जानकारी जिनका इस्तेमाल स्किन केयर प्रोडक्ट्स में किया जाता है और यह आपकी त्वचा के लिए बिल्कुल भी सही नहीं होते। आइए जानते हैं इसके बारे में और आगे से किसी भी स्किन केयर प्रोडक्ट को खरीदने से पहले उसके इनग्रेडिएंट (harmful chemicals for skin) लेवल पर नजर जरूर डालें। निम्नलिखित में से किसी भी केमिकल की मौजूदगी होने पर इन्हें न खरीदें।
सल्फेट का इस्तेमाल हम सभी डेली बेसिस पर करते हैं। सल्फेट को ज्यादातर शैम्पू, टूथपेस्ट और क्लींजर में फोमिंग के लिए इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, कई प्रकार के सल्फेट होते हैं, परंतु सबसे ज्यादा एसएलएस और एसएलईएस का इस्तेमाल किया जाता है। यह आपकी त्वचा से मॉइश्चर को छीन, प्रोटेक्टिंग बैरियर्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं। जिससे आपकी त्वचा इरिटेट हो सकती है।
दी अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार आमतौर पर सल्फेट त्वचा संबंधी छोटी-मोटी परेशानियां जैसे कि रेडनेस और इचिंग का कारण बनता है। परंतु यदि इसे अन्य रिएक्टिव केमिकल्स के साथ कंबाइन किया जाए, या इसे हिट किया जाए तो यह कैंसर जैसी बड़ी समस्या के खतरे को बढ़ा देता है।
कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स में एंटीबैक्टीरियल और परफ्यूम में स्टेबलाइजर के रूप में उपयोग किया जाने वाला फेनोक्सीथेनॉल वास्तव में बहुत हानिकारक हो सकता है। यदि इसे गलती से निगल लिया जाए या सांस के माध्यम से सूंघ लिया जाए वहीं त्वचा के माध्यम से अवशोषित कर लिया जाए तो यह स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है। विशेषकर स्तनपान कराने वाली महिलाओं या बच्चों के लिए यह अधिक खतरनाक हो जाता है। फेनोक्सीथेनॉल मस्तिष्क और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र पर प्रभाव डाल सकता है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के अनुसार यह त्वचा और आंखों में जलन पैदा करता है और त्वचा पर छाले भी पैदा कर सकता है। हालांकि, कई स्किन केयर प्रोडक्ट्स यहां तक कि कुछ ऑर्गेनिक प्रोडक्ट भी थोड़ी मात्रा में फेनोक्सीथेनॉल का उपयोग करते हैं। इसका सीमित और सही इस्तेमाल त्वचा को हानि नहीं पहुंचता परंतु यदि आप उत्पाद का उपयोग दिन में कई बार कर रही हैं, तो यह संचयित हो सकता है और संभवतः आपको प्रभावित कर सकता है।
अच्छे और बुरे दोनों ही प्रकार के अल्कोहल होते हैं। खराब अल्कोहल में मेथनॉल, आइसोप्रोपिल अल्कोहल, प्रोपेनॉल, बेंजाइल अल्कोहल और एसडी अल्कोहल (अल्कोहल डेनेट) शामिल हैं। ये त्वचा को अत्यधिक ड्राई और इरिटेट कर सकते हैं, वहीं ये स्किन बैरियर्स को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे सूजन का खतरा भी बढ़ जाता है।
स्किन बैरियर्स को तोड़ अल्कोहल उन पदार्थों को नष्ट कर देता है, जो आपकी त्वचा स्वस्थ की रक्षा करने के लिए आवश्यक होते हैं। इससे एक्ने पैदा करने वाले बैक्टीरिया का ग्रोथ बढ़ जाता है और सूजन बदतर हो सकता है।
पैराबेंस का उपयोग मॉइस्चराइज़र, शैंपू, फ़ाउंडेशन और कई अन्य पर्सनल केयर प्रोडक्ट में केमिकल प्रिजर्वेटिव्स के तौर पर किया जाता है। पिछले कुछ वर्षों में इस बात पर बड़ी बहस चल रही है कि पैराबेंस का उपयोग सुरक्षित है या नहीं। कुछ लोग कहते हैं कि पैराबेंस के अत्यधिक मात्रा में संपर्क से स्तन कैंसर हो सकता है, लेकिन कुछ का तर्क है कि पैराबेंस के दैनिक कॉस्मेटिक संपर्क से आपको कोई नुकसान नहीं होता है।
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कस्टमाइज़ करेंअततः रिसर्च की माने तो हर किसी की त्वचा अलग प्रकार से रिएक्ट करती है, परंतु यह पाया गया है कि पैराबेंस केमिकल त्वचा के साथ रिएक्ट कर स्किन प्रॉब्लम्स का कारण बन सकता है। यदि त्वचा को लेकर सचेत रहती हैं तो इसे अवॉयड करना सुरक्षित रहेगा।
मिनरल ऑयल हानिरहित लग सकते हैं, परंतु पब मेड सेंट्रल के अनुसार यह स्किन पोर्स को बंद कर देते हैं और एक्ने का कारण बन सकते हैं। यह त्वचा की सतह पर एक अवरोध बनाता है, उसे सांस लेने से रोकता है और संभावित रूप से एक्ने पैदा करता है। जोजोबा तेल या आर्गन तेल जैसे गैर-कॉमेडोजेनिक (पोर्स को बंद नहीं करेंगे) विकल्पों की तलाश करें।
थैलेट्स का उपयोग स्किन केयर प्रोडक्ट्स में स्नेहक (सॉफ्टनर) के रूप में किया जाता है। आप इन्हें नेल पॉलिश, मॉइस्चराइजर, शैंपू, हेयर स्प्रे, डिटर्जेंट और अन्य प्रकार के उत्पादों में भी पा सकती हैं। इन्हें एंडोक्रिन डीसरप्टर्स के रूप में जाना जाता है, जो स्तन कैंसर का कारण बन सकता है। वहीं इसे मेल और फीमेल रिप्रोडक्टिव बर्थ डिफेक्ट से भी जोड़ा जाता है।
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