लॉग इन

क्या आपको आजकल हर रोज़ धोने पड़ रहे हैं अपने बाल? तो जानिए ये कितना सही और कितना गलत

अपने बालों की देखभाल किस तरह करनी है यह आपसे बेहतर और कोई नहीं जनता है। ऐसे में बालों को कितनी बार धोना है, यह भी आपका निर्णय है। मगर सवाल यह पैदा होता है कि क्या बालों को हर रोज़ दोना सही है? अधिक जानने के लिए पढ़ें।
तिदिन औसतन 50 से 100 बाल झड़ना पूरी तरह से सामान्य है। चित्र शटर स्टॉक
ऐप खोलें

बालों की देखभाल किस तरह करनी है यह आपकी पर्सनल चॉइस है। बाल धोने का शायद ही कोई चिकित्सकीय कारण हो। मगर फिर भी क्या आपने कभी सोचा है कि बालों को कितनी बार धोना चाहिए? या फिर आप बालों को रोज़ धो रही हैं, बिना यह जानें कि क्या इसके कोई साइड एफ़ेक्ट्स हैं?!

तो बालों को कितनी बार धोना है, इसका निर्णय किसी व्यक्ति के बालों के प्रकार, स्कैल्प की बनावट, बाल कितने तैलीय हैं और व्यक्तिगत पसंद पर निर्भर करता है। कुछ लोगों के लिए, बहुत बार-बार धोने से बाल डैमेज और ड्राइ हो जाते हैं। तो वहीं, दूसरों के लिए, बार-बार बाल नहीं धोने से स्कैल्प ग्रीसी और ऑयली दिखने लगती है।

इसके लिए हमने दिशा स्किन एंड लेजर क्लिनिक, नौपाड़ा, ठाणे वेस्ट की सलाहकार, एमबीबीएस डीडीवी, डॉ श्वेता राजपूत से बात की। उनका मानना है कि – ”हेयरवाशिंग बालों की सभी समस्याओं का एकमात्र समाधान नहीं है। कुछ लोगों को अपने बाल रोजाना धोने पड़ सकते हैं, जबकि कुछ लोग कई दिनों बाद धो सकते हैं। सबसे पहले यह निर्धारित करना महत्वपूर्ण है कि आपके बाल ऑयली हैं या ड्राई। बालों का यह प्रकार मुख्य रूप से स्कैल्प पर निर्भर करता है।”

तो क्या आप आजकल रोज़ बाल धो रही हैं? इसके पीछे भी कई कारक हो सकते हैं

ऐसे कई कारक हैं जो आपके बालों को धोने की आवश्यकता को बढ़ा सकते हैं जैसे –

ऑयल (Oil) – अक्सर जब हमें लगता है कि बाल गंदे हो गए हैं, उन्हे धो लेना चाहिए। तो यह बालों में मौजूद तेल के कारण होता है। तेल बालों को चिपचिपा बना देता है और यह ग्रीसी लगने लगते हैं।

बालों को बार – बार धोने की वजह इनका चिकना पैन भी हो सकता है। चित्र:शटरस्टॉक

बालों का प्रकार (Hair Type) – घुंघराले बालों की तुलना में सीधे और पतले बालों को अधिक बार धोना चाहिए। सीधे बाल आसानी से सीबम द्वारा लेपित होते हैं, जिसका अर्थ है कि यह बहुत तेजी से ग्रीसी दिखने लगते हैं।

पसीना (Sweat) – आप कितना पसीना बहाती हैं, यह इस बात का एक बड़ा कारक है कि आपको अपने बालों को कितनी बार धोना है। पसीना सीबम फैला सकता है और आपके बालों को गंदा बना सकता है।

स्टाइलिंग प्रॉडक्ट (Styling Product) – स्टाइलिंग उत्पाद आपके बालों और स्कैल्प पर जमा हो सकते हैं और जलन और डैमेज का कारण बन सकते हैं। बार-बार या भारी उत्पाद उपयोग का मतलब यह किआपको अपने बालों को अधिक बार धोना होगा।

क्या आप अपने बाल बहुत ज्यादा धो रही हैं?

शैम्पू को खोपड़ी को साफ करने और अतिरिक्त तेल को हटाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। लेकिन अगर इसका अत्यधिक उपयोग किया जाता है, तो शैम्पू आपके बालों को नुकसान पहुंचा सकता है। शैम्पू खोपड़ी से पैदा होने वाले महत्वपूर्ण तेलों को हटा देता है और बालों और खोपड़ी को बहुत ड्राइ छोड़ सकता है। इससे बचने के लिए बालों की जड़ों में ही शैंपू करें।

अगर आपके बाल झड़ रहे हैं तो शैंपू को ना कहें।
फोटो : शटरस्‍टॉक

क्या शैम्पू के अलावा भी कोई विकल्प है?

ड्राई शैम्पू (Dry Shampoo) : ड्राई शैम्पू एक स्प्रे है जो तेल को सोख लेता है। यह शैंपू के बीच का समय बढ़ा सकता है, खासकर पतले या तैलीय बालों वाले लोगों के लिए। हालांकि, ड्राई शैम्पू गंदगी को नहीं हटाता है। यदि लगातार कई दिनों तक उपयोग किया जाता है, तो यह ड्राइनेस का कारण बन सकता है जो स्कैल्प को परेशान करता है।

अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें

कस्टमाइज़ करें

डिटर्जेंट मुक्त शैंपू (Detergent free shampoo): डिटर्जेंट मुक्त शैंपू, ऐसे शैंपू होते हैं जो सल्फेट्स और कठोर डिटर्जेंट से मुक्त होते हैं। वे बालों को धीरे से कंडीशन करते हैं लेकिन इसका तेल नहीं निकालते हैं। ये सूखे या घुंघराले बालों वाले लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प है, या जो लोग अपने बालों को रोजाना धोना पसंद करते हैं लेकिन नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते हैं।

चलते – चलते

डॉ श्वेता सलाह देती हैं कि – ”ऑयली स्कैल्प वाले लोगों के लिए अपने बालों को रोजाना धोना जरूरी है। वहीं ड्राई स्कैल्प वाले लोगों के लिए हफ्ते में दो बार बाल धोने की सलाह दी जाती है। जो लोग डैंड्रफ से पीड़ित हैं, उन्हें हफ्ते में एक या दो बार त्वचा विशेषज्ञ द्वारा निर्धारित एंटीडैंड्रफ शैम्पू का इस्तेमाल करना चाहिए।”

तो लेडीज, बाल धोएं, मगर ज़्यादा नहीं!

यह भी पढ़ें : बदलते मौसम के साथ बिगड़ रही है चेहरे की रंगत तो अपनाएं ये घरेलू नुस्खे

ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं। ...और पढ़ें

अगला लेख