कहीं चुम्बक वाली फेक पलकें और आई लाइनर आपके स्वास्थ्य को नुकसान तो नहीं पहुंचा रहे?

चुम्बक वाली पलकें यानी मैग्नेटिक लैशेज और आई लाइनर आजकल बहुत प्रचलित हो रहे हैं। लेकिन क्या यह आपके स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित है?
क्या चुम्बक वाली फेक पलकें सुरक्षित हैं? चित्र: शटरस्‍टॉक
विदुषी शुक्‍ला Updated: 10 Dec 2020, 10:50 am IST
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मेकअप और स्किन केयर में हर दिन नए-नए ट्रेंड आते रहते हैं। ऐसा ही एक नया ट्रेंड जो आजकल सभी मेकअप फ्रीक्स का पसंदीदा बना है, वह है मैग्नेटिक लैशेज और आई लाइनर।

लम्बी खूबसूरत पलकें आपके चेहरे के नूर में चार चांद लगा देती हैं। यही कारण है कि नकली पलकें बाजार में इतनी लोकप्रिय हो रही हैं। मूल रूप से इन पलकों को ग्लू की मदद से चिपकाया जाता था। मैग्नेटिक आई लैशेस में चुम्बक युक्त लैशेस और लाइनर होता है। आप लाइनर को अपनी लैश लाइन पर लगाते हैं और उससे फेक पलकों को चिपका देते हैं।

मैग्नेटिक पलकें चिपकाने में आसान होती हैं और कंपनी इनके सुरक्षित होने का भी दावा करती हैं। भले ही इसकी मार्केटिंग सुरक्षित कहकर ही होती है लेकिन इसके कुछ साइड इफेक्ट्स होते हैं। और इन साइड इफेक्ट्स को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।

क्या चुम्बक वाली लैशेस सुरक्षित हैं?

मैग्नेटिक लैशेस सामान्य लैशेस के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित हैं क्योंकि इसे चिपकाने के लिए टॉक्सिक ग्लू का इस्तेमाल नहीं होता है। लेकिन फिर भी इसके कुछ नुकसान हो सकते हैं खासकर अगर आपकी स्किन सेंसिटिव है।

1. मैग्नेटिक लैशेस और आई लाइनर से एलर्जी होने की संभावना अधिक होती है। इस प्रोडक्ट में मौजूद चुम्बक अगर आपकी आंखों में चला जाए तो बहुत नुकसान कर सकता है। इसलिए इस्तेमाल करते समय महत्वपूर्ण है कि आप सही तरह से इस्तेमाल करें।

2. अगर आप आई लाइनर को अधिक मात्रा में लगाएंगी तो आपके सेबेशियस ग्लैंड्स बन्द हो सकते हैं।

3.ध्यान रखें कि आप लैशेस को पांच से छह घण्टे से अधिक ना पहनें। इससे आपकी आंखों के आसपास की त्वचा को नुकसान नहीं होगा।

4. अगर आपको इस्तेमाल करने पर कोई भी इर्रिटेशन महसूस हो तो इस्तेमाल तुरन्त बन्द कर दें। आंखों में खुजली, लालामी या जलन सामान्य नहीं है। अगर जलन होती है तो डॉक्टर की सलाह लें।

5. अगर आप MRI करवाने जा रही हैं तो मैग्नेटिक लैशेस या लाइनर ना लगाएं।

इस बात का रखें सबसे ज्यादा ध्यान-

हाल फिलहाल में ही कई केसेस सामने आए हैं जिसमें लैशेस या लाइनर आंख के अंदर चले जाते हैं। ऐसा होने पर कॉर्नियल डैमेज का खतरा होता है। पबमेड सेंट्रल में प्रकाशित स्टडी ने इसे सिद्ध किया है कि मैग्नेटिक आई लाइनर से कॉर्निया को नुकसान पहुंच सकता है।
इससे बचने के लिए कम मात्रा में लाइनर का प्रयोग करें। लैशेस को मजबूती से चिपकाएं ताकि वह ढीली होकर ना गिरे।

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अपने लाइनर को हर तीन महीने पर बदलें

लेडीज, ब्यूटी जगत में नए नए ट्रेंड्स आते रहेंगे लेकिन यह आपके स्वास्थ्य को नुकसान ना पहुंचाए ये आपकी जिम्मेदारी है। खुद को ब्यूटी स्टैंडर्ड के अनुसार बदलें नहीं। आत्मविश्वास ही सबसे बड़ी खूबसूरती है।

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लेखक के बारे में

पहला प्‍यार प्रकृति और दूसरा मिठास। संबंधों में मिठास हो तो वे और सुंदर होते हैं। डायबिटीज और तनाव दोनों पास नहीं आते। ...और पढ़ें

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