सरसों का तेल अक्सर रसोई में खाना पकाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। मगर साथ ही ये गुणकारी तेल त्वचा और बालों के लिए भी बेहद फायदेमंद साबित होता है। अक्सर सर्दियों में त्वचा पर रूखापन, खुजली और इरिटेशन का सामना करना पड़ता है। ऐसे में त्वचा की शुष्कता को कम करने के लिए कई तरह के मॉइश्चराइज़र, ऑयल और सीरम इस्तेमाल किए जाते है। मगर इनका अत्यधिक इस्तेमाल त्वचा को नुकसान पहुंचाने लगता है। अगर आप भी त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने के लिए नेचुरल विकल्प खोज रही हैं, जो सरसों के तेल से त्वचा को खूब फायदा मिल सकता है। ऐसे में नहाने के बाद मॉइश्चराइज़ की जगह सरसों का तेल शरीर पर लगाना बेहद फायदेमंद साबित होता है। जानते हैं नहाने के बाद त्वचा पर सरसों का तेल (mustard oil beauty benefits) लगाने से मिलने वाले फायदे।
इस बारे में आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ अंकुर तंवर बताते हैं कि सरसों के तेल में विटामिन और मिनरल की उच्च मात्रा पाई जाती है। इसके अलावा मौजूद हेल्दी फैट्स एजिंग के प्रभावों को रोकते हैं। इसको नहाने के बाद बॉडी पर अप्लाई करने से त्वचा का नरिशमेंट बढ़ जाता है। इसके अलावा स्किन टोन रहती है और फ्री रेडिकल्स का प्रभाव कम होने लगता है। इसे चेहरे, बाजूओं, गर्दन और टांगों पर लगा सकते हैं। इसके अलावा इसे गर्म करने के बाद इसमें गुड़हल के फूल, नीम की पत्तिया और अश्वगंधा मिलाकर लगाने से भी त्वचा को फायदा मिलता है।
एंटी- इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर सरसों के तेल को नहाने के बाद त्वचा पर लगान से दिनभर होने वाली खुजली से बचा जा सकता है। इसमें मौजूद तत्व स्किन की डीप नरिशमेंट में मदद करते है। इसमें एंटी फंगल और एंटी बैक्टीरियल गुण भी होते हैं, जो किसी भी प्रकार के संक्रमण से त्वचा की रक्षा करने में मदद करता है।
सरसों के तेल की थिन लेयर को अप्लाई करने से पहले उसका पैच टेस्ट अवश्य कर लें। इसे स्किन पर लगाने से त्वचा का रूखापन दूर होने लगता है। इसमें मौजूद विटामिन और फैटी एसिड की मात्रा स्किन को क्लीन और मॉइश्चराइज रखने में मदद करती है।
सरसों के तेल मे फैटी एसिड और विटामिन ई की उच्च मात्रा पाई जाती है। इसे त्वचा पर अप्लाई करने से स्किन का लचीलापन बढ़ने लगता है और चेहरे पर दिखने वाली महीने रेखाओं को दूर किया जा सकता है। इससे स्किन स्वस्थ बनी रहती है और एजिंग का प्रभाव कम होने लगता है।
इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंटस की मात्रा त्वचा पर बढ़ने वाली पिग्मेंटेशन को दूर करने में मदद करता है। इसे चेहरे पर लगाने से मेलेनिन का प्रभाव कम होने लगता है, जिससे स्किन की लेयर में नरिशमेंट बढ़ जाता है और दाग धब्बों से राहत मिलने लगती है। नियमित रूप से इसका इस्तेमाल फायदा पहुंचाता है।
इसे लगाने से त्वचा के स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है और मौसम बदलनेके साथ त्वचा पर बढ़ने वाला रूखापन और डलनेस कम होने लगते है। स्किन हेल्दी और क्लीन रहती है। साथ ही त्वचा पर बढ़ने वाली डेड स्किन सेल्स की समस्या हल हो जाती है। सीमित मात्रा में इसका इस्तेमाल त्वचा को फायदा पहुंचाता है।
इसे चेहरे पर लगाने से यूवी रेज़ का प्रभाव कम होने लगता है और त्वचा पर बढ़ने वाली टैनिंग से बचा जा सकता है। नहाने के बाद इसे अवश्य अप्लाई करें। इससे त्वचा का निखार बढ़ने लगता है। साथ ही स्किन पर पॉल्यूटेंटस का प्रभाव भी कम होने लगता है।
स्किन के बढ़ते रूखेपन कासे कम करने और इचिंग व इरिटेशन से बचने के लिए नहाने के बाद सरसों के तेल की थिन लेयर को शरीर पर लगाएं। इससे त्वचा हाइड्रेट रहती है और स्किन का निखार भी बढ़ने लगता है। रात को सोने से पहले भी इसे त्वचा पर लगा सकते हैं।
चंदन के पाउडर में नेचुरल पिगमेंट और एंटीऑक्सीडेंटस की उच्च मात्रा पाई जाती है। तेल को गर्म करके ठंडा कर लें और उसमें चंदन का पाउडर मिलाएं। अब इसे चेहरे पर लगाकर 5 से 7 मिन्नट के लिए छोड़ दें। उसके बाद स्किन को क्लीन कर लें।
त्वचा पर बढ़ने वाले डेड स्किन सेल्स को कम करने के लिए पके हुए 2 चम्मच सरसों के तेल में चुटकी भर हल्दी, बेसन और दही को मिलाकर पैक तैयार कर लें। अब इसे चेहरे पर लगाकर 10 मिनट के लिए रखे। उसके बाद सर्कुलर मोशन में चेहरे की मसाज करें।
तेल को पकाने के बाद उसमें सीमित मात्रा में अश्वगंधा का पाउडर मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें। अब इसे चेहरे व गर्दन पर लगाएं। इससे त्वचा का ग्लो बढ़ने लगता है और स्किन टोन में बदलाव नज़र आता है। त्वचा का निखार बढ़ाने के लिए सप्ताह में दो बार इस फेसपैक का इस्तेमाल करें।