उम्र बढ़ने के साथ शरीर में कोलेजन को प्रोडक्सन भी धीमा हो जाता है जो सीधा आपकी स्किन को प्रभावित करता है। सबसे पहले इसका असर आपकी स्किन में फाइन लाइन और रिंकल्स के रूप में दिखना शुरू होता है। लेकिन रेगुलर एक्सरसाइज, डाइट और स्किन केयर से आप इसे लंबे समय तक स्वस्थ रख सकते है। आज हम आपको 3 ऐसे पोषण संबंधी टिप्स बताते है जिससे आपकी स्किन काफी लंबे समय तक जवां रह सकती है।
यदि आप 2024 में युवा और स्वस्थ त्वचा चाहते हैं तो अपने इरादों को मजबूत करें। त्वचा की लंबी उम्र के लिए मजबूत आदतें बनाना शुरू करने का यह सही समय है। इसके लिए हमने कंसल्ट किया क्लिनिक डर्मेटेक में पोषण विशेषज्ञ डॉ. फहमीदा नसरीन से। वो बताती है पोषण में कुछ छोटे बदलाव करके आप लंबे समय तक निखरी और जवां त्वचा पा सकती है।
हमारे शरीर की पुरानी सूजन का सबसे पहला कारण अतिरिक्त शुगर है। और हम जानते हैं कि पुरानी सूजन आपकी त्वचा के स्वास्थ्य पर बहुत प्रभाव डालती है।
चीनी का सेवन आपकी त्वचा को भयावह तरीके से नुकसान पहुंचा सकता है। चीनी के अणु हमारी त्वचा में कोलेजन फाइबर और इलास्टिन फाइबर से जुड़ सकते हैं। जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, आपका कोलेजन स्वाभाविक रूप से कम हो जाता है, लेकिन जब चीनी इससे जुड़ जाती है, तो यह कोलेजन तंतुओं को और भी अधिक विकृत कर देती है।
इसका मतलब यह नहीं है कि आपको पूरी तरह से चीनी छोड़ देनी चाहिए। फलों जैसे पूरी तरह से प्राकृतिक खाद्य पदार्थों में चीनी प्रचुर मात्रा में मौजूद होती है। हालाँकि आपको अपने रिफाइंड शुगर के सेवन को सीमित करना चाहिए। इसे जितना संभव हो उतना सीमित कर सकते हैं। आर्टिफिशियल तरीके से मीठे पेय पदार्थ, कॉफी क्रीमर, सोडा इत्यादि पीने से बचें।
समय-प्रतिबंधित खाने का शेड्यूल आपके शरीर के लिए काम करता है।समय-प्रतिबंधित खाने खाने को ऑटोफैगी भी कहा जाता है । हमारी कोशिकाओं के अंदर, सेलुलर वेस्ट प्रोडक्ट का निर्माण हो सकता है, जैसे प्रोटीन, इस्तेमाल किए गए ऑर्गेनेल और यहां तक कि छोड़े गए पुराने माइटोकॉन्ड्रिया जो इतनी अच्छी तरह से काम नहीं कर रहे हैं।
ऑटोफैगी एक सेलुलर रीसाइक्लिंग प्रक्रिया है जो ईंधन के अन्य रूपों (जैसे भोजन) की अनुपस्थिति में इन वेस्ट प्रोडक्ट को ईंधन के रूप में उपयोग करती है। यह इसे कोशिका से हटाकर, कोशिका को अधिक कुशलता से और अधिक युवा रूप से कार्य करने का कारण बनता है। यही कारण है कि रूक रूक कर उपवास करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। इसके लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग भी एक बेहतरीन तरीका है।
आपको इस तरह के उपवास को शुरू करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लेनी चाहिए।
हर कोई ग्लूटेन के प्रति संवेदनशील नहीं होता है, लेकिन ग्लूटेन इंटॉलरेंस कई लोगों को पता नहीं चल पाती है। त्वचा में सूजन होता भी ग्लूटेन संवेदनशीलता के कारण होती है। आबादी का बड़ा हिस्सा ग्लूटेन असंवेदनशीलता का शिकार हो सकता है लेकिन उन्हें इसके बारे में तभी पता चलता है जब से अपनी त्वचा की सूजन को ठीक करवाने जाते है।
इसका मतलब यह नहीं है कि हर किसी को ग्लूटेन छोड़ देना चाहिए। हर किसी का शरीर अलग होता है। ग्लूटेन से छुटकारा पाने के लिए दो से तीन सप्ताह का समय लें और देखें कि आप कैसा महसूस करते हैं। हो सकता है कि आप कुछ अलग महसूस न करें। या आपको इससे कुछ अलग चीजें भी महसूस हो सकते है।
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