आजकल सभी को जवां, दमकती और रिंकल फ्री स्किन चाहिए होती है। यदि आपकी त्वचा पहले से ही ऐसी है, इसका मतलब आपके शरीर में पर्याप्त मात्रा में कोलेजन मौजूद है। परंतु यदि बार-बार आपको त्वचा से जुड़ी समस्याएं परेशान कर रही हैं, तो यह आपके शरीर में कोलेजन की कमी के कारण हो सकता है। एक उम्र के बाद सभी की त्वचा में कोलेजन का स्तर कम होने लगता है और वह मुलामियत खोने लगती है। अगर आप भी ऐसी ही स्थिति का सामना कर रहीं हैं, तो अपनी त्वचा में कोलेजन लेवल बढ़ाने के लिए इन 7 फूड्स को करें आहार में शामिल।
कोलेजन एक प्रकार का प्रोटीन है, जो कि त्वचा की जरूरतों को पूरा करता है। इसके साथ ही यह इलास्टिसिटी को बनाये रखता है और ब्लड सरकुलेशन को भी बूस्ट करता है। वहीं इसके आहार स्रोत की बात करें तो कुछ लोग सोचते हैं, कि कोलेजन का स्तर त्वचा को प्रभावित करता है, लेकिन कोलेजन की गुणवत्ता और भी महत्वपूर्ण होती है।
हम लेकर आए हैं, कोलेजन से युक्त कुछ ऐसे ही खाद्य पदार्थ जो त्वचा की सेहत को लंबे समय तक बनाए रखने में आपकी मदद कर सकते हैं।
हेल्थ शॉट्स ने इस विषय पर आरा स्किन क्लिनिक बेंगलुरु की सलाहकार त्वचा विशेषज्ञ और कॉस्मेटोलॉजिस्ट डॉ सोनाक्षी एस से बातचीत की। उन्होंने कोलेजन के सर्वोत्तम स्रोत के बारे में बताया।
डॉक्टर सोनाक्षी कहती है कि ” कॉलेजन में 19 अमीनो एसिड मौजूद होते हैं जैसे कि ग्लाइसिन, प्रोलाइन, हाइड्रॉक्सीप्रोलाइन, लाइसिन और आर्जिनिन। बढ़ती उम्र के साथ शरीर कोलेजन का उत्पादन करना कम कर देता है। इस वजह से एपीडर्मल की मोटाई और स्किन फ्लैक्सिबिलिटी कम हो जाती है।
वहीं कोलेजन की कमी के कारण त्वचा क्षतिग्रस्त हो जाती है और एजिंग, रिंकल्स, क्रेपी स्किन और त्वचा में ढीलापन आने जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। कोलेजन का लो लेवल हेयर ग्रोथ को रोकता है इसके साथ ही बाल झड़ने का कारण भी हो सकता है।
कोलेजन का गिरता स्तर लिगामेंट और टेंडन के लचीलेपन को कम करता है। उसके साथ ही मांसपेशियों के सिकुड़न और कमजोरी, जोड़ों के दर्द और ऑस्टियोआर्थराइटिस और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल जैसी समस्या का कारण हो सकता है। तो यहां जाने कोलेजन के कुछ महत्वपूर्ण खाद्य स्रोतों के नाम।
फिश और शेलफिश प्राकृतिक रूप से अमीनो एसिड और ओमेगा 3 फैटी एसिड से युक्त होता है। मछली और मछली के ऊपर की त्वचा कोलेजन पेप्टाइड्स का एक प्रमुख स्रोत होती हैं। वहीं यह कोलेजन के उत्पादन को बूस्ट करने में मदद करती हैं। अध्ययन की माने तो समुद्री जीव से प्राप्त किए जाने वाला कोलेजन शरीर में आसानी से अवशोषित हो जाता है।
अमीनो एसिड से युक्त बीन्स प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत होती है, और यह कोलेजन को सिंथेसिस करने में मदद करती है। इसके अलावा इसमें मौजूद कॉपर सेल्स को रीजेनरेट और कोलेजन प्रोडक्शन को बूस्ट करते हैं।
एग व्हाइट में पर्याप्त मात्रा में प्रोलाइन की मात्रा पाई जाती है। यह एक प्रकार का अमीनो एसिड है जो कि कोलेजन प्रोडक्शन के लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण होता है।
विटामिन सी शरीर के लिए महत्वपूर्ण प्रोकोलेजन के प्रोडक्शन को प्रमोट करता है। इसलिए पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी लेना बहुत जरूरी है। खट्टे फल, बेरीज और अन्य विटामिन सी के स्रोतों को आहार में शामिल करें।
लहसुन में मौजूद सल्फर और ट्रेस मिनिरल्स कॉलेजन को सिंथेसिस करते हैं और इसके स्तर को गिरने से रोकते है। कच्चा लहसुन एंटीऑक्सीडेंट का एक अच्छा स्रोत होता है, जो कि कोलेजन प्रोडक्शन और समग्र सेहत के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होते है।
हरी पत्तेदार सब्जियों में पर्याप्त मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट और क्लोरोफिल पाए जाते हैं। जो कि स्किन में कोलेजन प्रोडक्शन को प्रमोट करते हैं।
क्विनोआ का सेवन त्वचा को फ्री रेडिकल से लड़ने में मदद करता है। इसके साथ ही उम्र से पहले होने वाली स्किन ब्रेकडाउन की संभावना को भी कम कर देता है। साथ ही शरीर से कॉलेजन की गिरती मात्रा को भी संतुलित रखने में मदद कर सकता है। यह एक एंटी एजिंग अनाज के रूप में जाना जाता है।
हेल्दी स्किन के लिए कोलेजन से युक्त एनिमल और प्लांट फूड्स को लेने की कोशिश करें। इसके साथ ही पर्याप्त मात्रा में विटामिन मिनरल्स से युक्त फल और सब्जी आपको कोलेजन प्रोड्यूस करने में मदद करेंगे। वहीं शुगर और कार्बोहाइड्रेट इंटेक्स को कम करें, क्योंकि यह कोलेजन को हार्म कर सकता है।
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