लॉग इन

Skin Oiling : गर्मी में स्किन को नमी युक्त और चमकदार बनाना चाहती हैं, तो इन 3 तेलों से करें अभ्यंगम

गर्मी में स्किन की विशेष देखभाल के लिए स्किन आयलिंग जरूरी है। आयुर्वेद के अनुसार, गर्मी में स्किन पर तेल लगाने से पित्त दोष शांत होता है। इससे स्किन मुलायम और चमकदार बनती है।
आप करंज तेल की मदद से त्वचा में सूजन से छुटकारा पा सकते हैं। चित्र : अडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Updated: 18 Oct 2023, 15:28 pm IST
ऐप खोलें

गर्मी में स्किन की विशेष देखभाल करनी पड़ती है। तापमान बढने पर त्वचा रूखी और पपरीदार होने लगती है। स्किन को रूखेपन से मुक्त कर नरम, मुलायम बनाने के लिए ओइलिंग सबसे बढिया तरीका हो सकता है। यह स्किन की उचित देखभाल भी करता है। आयुर्वेद में स्किन ओइलिंग (Skin Oiling in summer) को विशेष महत्व दिया गया है।

मन और शरीर के लिए लाभदायक 

आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ. नीतू भट्ट कहती हैं, प्राचीन आयुर्वेद में शरीर और स्किन पर तेल लगाने को मन और शरीर (Skin Oiling for Body and Mind)दोनों के लिए आरामदायक माना गया है। पूरे शरीर की तेल मालिश को पोषण से भरपूर उपचार माना गया है। इसे अभ्यंगम भी कहा जाता है।

स्किन ऑयलिंग या अभ्यंगम (Skin Oiling or Abhyanga)

डॉ. नीतू के अनुसार, अभ्यंगम या अभ्यंग आयुर्वेदिक उपचार का अभिन्न अंग माना गया है। इसे शरीर के सभी ऊतकों को स्वस्थ करने का आधार माना गया है। जड़ी-बूटी से संपन्न तेल, हाथों का उपचारात्मक स्पर्श व्यक्ति को एनर्जेटिक बनाते हैं। इसमें पोर्स से अशुद्धियों को साफ करने और रक्त परिसंचरण को बढ़ाने में मदद करने के लिए हल्के गर्म तेल की मदद ली जाती है। यह न केवल त्वचा को पोषण देने में मदद करता है, बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है। यह पित्त दोष को भी संतुलित करता है।

गर्मी में पित्त दोष को संतुलित करने वाले तेल (Skin Oiling For Pitta Dosha)

हर मौसम एक ख़ास प्रकार के दोष से संचालित होता है। गर्मी के गर्म दिन अग्नि तत्व से जुड़े होते हैं। ये इस मौसम के लिए ‘पित्त’ को प्रमुख दोष बनाते हैं। हल्का और आराम देने वाले कोल्ड-प्रेस्ड तेल जैसे कि नारियल तेल या जोजोबा आयल पित्त को संतुलित करने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। इन्हें जब कुछ जड़ी-बूटियों के साथ मिलाया जाता है, तो यह पित्त को शांत करने वाले गुणों को बढ़ा देता है। इसके माध्यम से स्किन को ठंडक मिल सकती है।

चंदन तेल (Sandal Oil in Summer)

गर्मी के महीनों के लिए सबसे रिलैक्सिंग होता है चंदन का तेल। यह तेल एंटी-इंफ्लैमेटरी, एंटीस्पाज्मोडिक, कारमेटिव, एस्ट्रिजेंट गुणों वाला होता है। गर्मियों के दौरान एक आम समस्या पिम्पल की होती है। चंदन अपने एंटीसेप्टिक, स्पॉट-लाइटनिंग और हीलिंग गुणों के लिए जाना जाता है। यह मुंहासे के लिए प्रभावी उपचार बनता है। चंदन तेल के गुणों की कूलिंग इफेक्ट बढाने के लिए कपूर या कपूर एसेंशियल ऑयल भी मिलाया जाता है। यह स्किन को पोषण देकर ठंडा और आराम पहुंचाता है। गर्मी में यह एक प्रभावी बॉडी मसाज ऑयल है।

चंदन तेल के गुणों की कूलिंग इफेक्ट बढाने के लिए कपूर या कपूर एसेंशियल ऑयल भी मिलाया जाता है। चित्र : एडोबी स्टॉक

रोज आयल (Rose Oil in Summer)

डॉ. नीतू बताती हैं, नहाने के बाद रोज ऑयल से स्किन की मसाज की जा सकती है। यह स्किन को फर्म, टोन और सुगंधित करने के लिए अच्छा विकल्प है। रोज आयल फाइन लाइन्स को खत्म कर स्किन को चिकना और चमकदार बना सकती है। इसमें सनफ्लावर एशेंसियल आयल मिक्स कर दोगुना लाभ उठाया जा सकता है। हाइड्रेटिंग गुणों के लिए जाने जाने वाला रोज आयल देसी गुलाब से तैयार किया जाता है। इसकी खुशबू मन और शरीर को शांत और रिलैक्स बनाती है। यह तेल पानी में घुलनशील होता है। नहाने के बाद विशेष रूप से व्यस्त, कामकाजी महिलाओं के लिए यह एक बढ़िया विकल्प है। यह कम समय में अधिक फायदा दिलाता है

मोरिंगा आयल (Moringa Oil for skin in summer)

गर्मी के दिन में शरीर और मन को ठंडक प्रदान करता है मोरिंगा आयल। स्किन को और अधिक नमी प्रदान करने के लिए इसमें बादाम एशेंसियल आयल की 2-3 बूंदें मिलाई जा सकती हैं। ये कार्बनिक तेल मिश्रण त्वचा को हाइड्रेटेड और कोमल बनाते हैं। कंडीशनिंग गुणों के कारण ये बालों पर भी लगाए जा सकते हैं

गर्मी के दिन में शरीर और मन को ठंडक प्रदान करता है मोरिंगा आयल। चित्र : एडोबी स्टॉक

अंत में

भारत में आयल मसाज सदियों पुराना है। बचपन, टीनएजर, युवावस्था से लेकर वृद्धावस्था तक यहां जीवन के प्रत्येक चरण में तेल लगाना शामिल है। अपने समर बॉडी केयर रूटीन के एक हिस्से के रूप में तेल लगाने का अभ्यास करने से पूरे मौसम में त्वचा को नर्म, मुलायम और आरामदेह बनाया जा सकता है। स्किन पर तेल लगाने से पूरे शरीर का स्वास्थ्य बढिया हो सकता है।

यह भी पढ़ें :- ट्रैवलिंग के दौरान आखिर क्यों निकल आते हैं मुहांसे? हम बता रहे हैं इसका कारण और बचाव के उपाय

अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें

कस्टमाइज़ करें
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

अगला लेख