टोनर हमेशा से ही सभी महिलाओं के स्किन केयर का हिस्सा रहा है। टोनर आपकी त्वचा को गहराई से साफ करने के लिए जाने जाते हैं। टोनर से स्किन के पोर्स साफ किये जाते हैं ताकि कोई मुंहासे न हों।
लेकिन जब आपने क्लींजर से अपना चेहरा साफ कर लिया है और मॉइस्चराइजर की मदद से हाइड्रेट भी कर दिया है, तो क्या वाकई टोनर की ज़रूरत है?
हमने यह सवाल पूछा फोर्टिस अस्पताल, शालीमार बाग की डर्मेटोलॉजी की सीनियर कंसल्टेंट डॉ मंजुल अग्रवाल से।
डॉ अग्रवाल बताती हैं, “टोनर का मुख्य काम है क्लींजर और मॉइस्चराइजर से जो कमी रह गयी उसे पूरा करना। अगर क्लींजर से कुछ पोर्स छूट गए हैं, तो टोनर उसे साफ करता है और पोर्स को छोटा करता है।”
अगर हम देखें तो आज हमारे पास तीन तरह के क्लींजर हैं। पहला है साबुन, दूसरा सिंथेटिक डिटर्जेंट और तीसरा कॉम्बर। पहले के समय में सिर्फ साबुन होता था, जो स्किन पर एक परत छोड़ देता था, जिसे साफ करने के लिए टोनर का इस्तेमाल होता था।
अब जो क्लींजर मौजूद हैं वे साबुन के मुकाबले ज्यादा कोमल हैं और स्किन के पीएच लेवल को भी संतुलित रखते हैं। इसलिए अब टोनर की ज़रूरत पर सवाल उठना लाजिमी है।
नहीं, लेकिन टोनर खरीदते वक्त इन खास बातों का ख्याल रखना चाहिए।
डॉ अग्रवाल बताती है, “अगर आपकी स्किन ऑयली है, तो नॉर्मल क्लींजर आपके लिए काफी नहीं। यह सीबम को पूरी तरह साफ नहीं कर पाते जिसके कारण एक्ने होते हैं। आपको ग्लाइकॉलिक एसिड युक्त टोनर इस्तेमाल करना चाहिए।
अगर आपकी स्किन ड्राई है तो ऐसे टोनर चुनें जिनमें मॉइस्चराइजर हो ताकि आपकी स्किन में नमी बनी रहे।
आप कैसा टोनर लें यह आपके क्लींजर पर भी निर्भर करता है। अपनी स्किन के लिए पेरफेक्ट टोनर चुनना बहुत आवश्यक है।
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