सर्दिर्यों कें मौसम में जहां चेहरे की त्वचा का रूखापन बढ़ने लगता है। वहीं पैरों की स्किन की रूखी और बेजान नज़र आने लगती है। इसके चलते एड़ियों की त्वचा सख्त और फटी हुई दिखने लगती है। दरअसल, सर्द हवाओं की चपेट में आने से पैरों की स्किन की लेयर्स क्षतिग्रस्त होने लगती है। नमी की कमी के कारण त्वचा पर दरारें उभर आती है और त्वचा का रूखापन बढ़ने लगता है। मौसम में बढ़ती शुष्कता के अलावा कई कारणों से पैरों की त्वचा क्षतिग्रस्त होने लगती है। जानते हैं सर्दी के मौसम में कैसे रखें पैरों की त्वचा का ख्याल (Foot care in winter) ।
इस बारे में स्किन केयर एक्सपर्ट डॉ जतिन मित्तल बताते हैं कि शुष्क हवाओं और दिनभर हील्स पहनने से एड़ियों पर प्रेशर बढ़ने लगता है में, जिससे पैरों का रूखापन बढ़ता है, तो वहीं फटी एड़ियों का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा उम्र के साथ त्वचा की इलास्टीसिटी कम होने लगती है, जिसका असर पैरों की त्वचा पर भी दिखने लगता है (Foot care in winter) । ऐसे में एजिंग फटी एड़ियों का कारण बनने लगता है। इस समस्या को हल करने के लिए नहाने के बाद पैरों को अवश्य मॉइश्चराइज़ करें। इसके अलावा आरामदायक जूतों का ही चयन करें।
सर्दियों में पैरों की फटी और खुरदरी त्वचा को हेल्दी बनाए रखने के लिए पैरों को अधिक समय तक गीला न रहने दें। इससे शरीर में फंगल इंफे्क्शन का खतरा बना रहता है और सुन्नपन बढ़ने लगता है। ऐसे में फुट केयर के लिए मॉइश्चराइज़र से लेकर फुट मास्क तक पैरों की स्किन को मुलायम बनाए रखने में मदद करता है।
पैरों की त्वचा भी चेहरे की स्किन के समान कोमल हेती है। उसे क्षतिग्रस्त होने से बचाने के लिए हल्के गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें। इसके लिए पानी में नमक मिलाकर उसमें पैरों को कुछ देर तक भीगा रहने दें। इससे त्वचा मुलायम होने लगती है और फटी एड़ियों से राहत मिलती है।
डेड स्किन सेल्स को रिमूव करने के लिए माइल्ड क्लींजर और स्क्रबर का इस्तेमाल करें। इससे स्किन का रूखापन दूर होने लगता है और त्वचा की शाइन मेंटेन रहती है। इसके लिए नाखूनों, एड़ियों और उंगलियों पर स्क्रबिंग करने से किसी भी प्रकारे के फंगल इंफे्क्शन का खतरा कम होने लगता है।
पैरों की रंगत को निखारने और उसकी नमी को बरकरार रखने के लिए एलोवेरा जेल में काफी मिलाकर पैरों पर अप्लाई करें 10 मिनट तक पैरों पर लगे रहने दे। उसके बाद पैरों को धो लें। इससे स्किन की लेयर्स में जमा धूल, मिट्टी और पॉल्यूटेंटस से राहत मिलती है और स्किन की स्मूदनेस बनी रहती है।
पैरों को सुखाने के बाद अब नाखूनों को काट लें। मगर क्यूटिकल्स को काटेन से बचें। इससे नाखूनों की ग्रोथ प्रभावित होती है। फंगल इंफेक्शन से राहत पाने के लिए इसे सप्ताह में एक बार अवश्य काटें। इससे हाइजीन मेंटेन रहती है।
नमी की कमी के चलते त्वचा में रूखापन बढ़ता है और फटी एड़ियों की समस्या भी बनी रहती है। ऐसे में स्किन लेयर्स की डीप नरिशमेंट के लिए पैरों की उंगलियों से लेकर एड़ियों तक मॉइश्चराइज़र या फुट क्रीम लगाएं। इसके अलावा नारियल का तेल भी अप्लाई कर सकते हैं। इससे पैरों पर दिखने वाला रूखापन कम होने लगता है।
स्किन को धूल मिट्टी से बचाने और उसकी नमी को बरकरार रखने के लिए पैरों में जुराबें पहनकर रखें। इससे एड़ियों को क्रैक होने से बचाया जा सकता है और त्वचा सर्द हवाओं की चपेट में आने से भी बच जाती है। ऐसे में फुटवेयर पहनने से पहले जुराबें पहनें।
जूतों को चुनने से पहले उसकी कुशनिंग का ध्यान रखें, ताकि पैरों पर बढ़ने वाले प्रेशर को रोका जा सके। इससे स्किन सेल्स को क्षतिग्रस्त होने से बचाया जा सकता है। हाई हील्स को रोज़ाना पहनने से बचें। इससे पैरों के दर्द से भी बचा जा सकता है।
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