आजकल तरह-तरह के ब्यूटी प्रोडक्ट्स मार्केट में उपलब्ध हैं। वहीं कई नए-नए ब्यूटी ब्रांड लॉन्च हुए हैं, जो अलग-अलग प्रकार के ब्यूटी प्रोडक्ट्स जैसे की क्रीम, फेस सिरम, हेयर सिरम आदि लांच कर रहे हैं। इन्ही में से एक है “नियासिनमाइड” जो आजकल काफी ज्यादा ट्रेंड कर रहा है। सोशल मीडिया पर आपको कई सेलिब्रिटी स्किन केयर रूटीन में भी नियासिनमाइड का जिक्र सुनने को मिलेगा।
हेल्थ शॉट्स ने नियासिनमाइड के फायदे और इसके इस्तेमाल के सही तरीके का पता लगाने के लिए स्किन एंड वैलनेस स्पेशलिस्ट डॉक्टर किरण सेठी से बात की। तो चलिए एक्सपर्ट से जानते हैं, आखिर यह हमारी त्वचा के लिए किस तरह काम करता है (Benefits of Niacinamide) और क्या है इसके इस्तेमाल का सही तरीका।
नियासिनमाइड को सीरम, क्रीम, फेस वॉश, बॉडी वॉश, बॉडी लोशन, हर प्रकार के स्किन केयर प्रोडक्ट में शामिल किया जा रहा है। आखिर इसके पीछे क्या वजह है? और यदि आप फायदेमंद है, तो इसे किस तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है?
नियासिनमाइड को विटामिन B3 और निकोटिनामाइड के नाम से भी जाना जाता है। नियासिनमाइड वॉटर सॉल्युबल विटामिन है, जो आपकी त्वचा की नेचुरल सब्सटेंस के साथ काम करता है। यह एंलार्ज पोर्स को कम कर, स्ट्रेचड़ पोर्स को टाइट करता है, साथ ही साथ अनइवन स्किन टोन को इंप्रूव करता है।
बढ़ती उम्र के साथ त्वचा पर नजर आने वाले एजिंग के निशान जैसे कि फाइन लाइन और रिंकल को स्मूद करता है, ताकि यह अधिक नजर न आएं। इसके अलावा यह त्वचा के कमजोर सरफेस को मजबूत बनाता है।
त्वचा के सरफेस को स्मूद और मॉइश्चराइज करते हुए नियासिनमाइड प्राकृतिक रूप से विजिबल पोर्स के साइज को समय के साथ कम कर देता है। जिससे की पोर्स में तेल और गंदगी जमा नहीं होती। वहीं ऐसे में एक्ने और पिंपल की समस्या भी सीमित रहती हैं।
नियासिनमाइड स्किन इन्फ्लेमेशन को कम कर देता है, जिससे कि एक्जिमा, एक्ने और अन्य इन्फ्लेमेटरी स्किन कंडीशन से राहत मिलती है। इसके अलावा इन कंडीशंस में त्वचा पर लाल धब्बे नजर आना शुरू हो जाते हैं, नियासिनमाइड का इस्तेमाल स्किन रेडनेस को कम करने में भी मदद करता है।
ऑयल प्रोडक्शन रेगुलेशन केवल ऑयली स्किन या ड्राई स्किन के लोगों के लिए मायने नहीं रखता, हर प्रकार की त्वचा के लिए ऑयल प्रोडक्शन बेहद महत्वपूर्ण है। नियासिनमाइड ऑयल ग्लैंड को ऑयल प्रोडक्शन के अमाउंट को रेगुलेट करने में मदद करते हैं, जिससे कि ग्लैंड अंडर या ओवर प्रोडक्शन न करें। स्किन में बैलेंस्ड ऑयल प्रोडक्शन त्वचा की सेहत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
नियासिनमाइड स्किन सेल्स को बिल्ड होने में मदद करता है। साथ ही साथ इन्हें एनवायरनमेंट के स्ट्रेसर जैसे की सूरज की हानिकारक किरणें, प्रदूषण और टॉक्सिन से प्रोटेक्ट करता है। यह त्वचा पर ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के प्रभाव को बेहद कम कर देता है, जिससे कि स्किन डैमेज का खतरा कम हो जाता है और त्वचा लंबे समय तक स्वस्थ एवं ग्लोइंग रहती है।
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नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन की माने तो नियासिनमाइड डार्क स्पॉट्स की रंगत को कम करने में मदद करता है। इसके साथ ही यह कोलेजन प्रोडक्शन को बढ़ावा देता है, जिससे कि पिगमेंटेशन खुद व खुद कम होने लगती हैं। नियासिनमाइड युक्त किसी भी प्रोडक्ट का इस्तेमाल आपके पिगमेंटेशन की समस्या में बेहद कारगर साबित होगा।
नियासिनमाइड पोर्स की साइज को मेंटेन रख ऑयल प्रोटेक्शन को रेगुलेट कर एक्ने के खतरे को कम कर देता है। खासकर यह इन्फ्लेमेटरी एक्ने को होने से रोकता है, और स्किन टेक्सचर को इंप्रूव करता है। नियासिनमाइड का नियमित इस्तेमाल समग्र त्वचा स्वस्थ को बढ़ावा देता है।
दिन के समय:
डे स्किन केयर रूटीन में यदि नियासिनमाइड को शामिल कर रही हैं, तो कम से कम लेयरिंग करें। इसके लिए आपको सबसे पहले नियासिनमाइड लगाना है, उसके ऊपर मॉइश्चराइजर और फिर सनस्क्रीन।
रात के समय:
नियासिनमाइड को नाइट स्किन केयर में शामिल करना चाहती हैं, तो आप इसे अलग-अलग रूप में इस्तेमाल कर सकती हैं।
पिगमेंटेशन के लिए – नियासिनमाइड + मॉइश्चराइजर
डल स्किन के लिए – नियासिनमाइड + विटामिन सी
स्किन हाइड्रेशन के लिए – नियासिनमाइड + ह्वालूरॉनिक एसिड
एंटी एजिंग के लिए – नियासिनमाइड + रेटिनोल
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