आज के समय में हेयर फॉल की समस्या बेहद आम हो चुकी है। परंतु क्या आप जानते हैं इसके पीछे आपका मानसिक तनाव भी जिम्मेदार हो सकता है। हालांकि, यह सभी ने नोटिस किया होगा कि जब भी हम मानसिक रूप से अत्यधिक तनाव में होते हैं, या एंजायटी ऑफ़ डिप्रेशन में होते हैं, तो हेयर फॉल की समस्या बढ़ जाती है। परंतु क्या आपने कभी इसके बारे में जानने की कोशिश की है, आखिर ऐसा क्यों होता है? यदि नहीं, तो आपको इस कांसेप्ट का पता होना जरूरी है। बहुत सी महिलाएं स्ट्रेस हेयर फॉल (stress hair fall) की शिकार हैं। तो चलिए हेल्थ शॉट्स के साथ जानते हैं, स्ट्रेस और हेयर फॉल का कनेक्शन साथ ही जानेंगे स्ट्रेस हेयर फॉल को कैसे मैनेज करना है।
स्ट्रेस और हेयर फॉल के कनेक्शन के बारे में विस्तार से समझने के लिए हेल्थ शॉट्स ने सीके बिरला हॉस्पिटल, गुरुग्राम की डर्मेटोलॉजी डिपार्टमेंट की कंसल्टेंट डॉ सीमा ओबेरॉय लाल से बात की। तो चलिए डॉक्टर से जानते हैं, इस बारे में क्या है उनकी राय।
जन्म देने, सर्जरी, बीमार होने या भावनात्मक तनाव का अनुभव करने सहित जीवन की तनावपूर्ण घटनाएं टेलोजेन एफ्लुवियम का कारण बन सकती हैं, जो बालों के झड़ने का एक रूप है। ऐसा तब होता है जब हेयर फॉलिकल्स का एक महत्वपूर्ण हिस्सा टेलोजन स्टेज में जल्दी पहुंच जाता है, जिससे बालों का झड़ना बढ़ जाता है। इस प्रकार का हेयर फॉल आम तौर पर अस्थायी होता है, फिर भी यह कुछ समय नहीं लोगों को काफी ज्यादा परेशान कर देता है।
स्ट्रेस उन स्थितियों में से एक है, जो एलोपेसिया एरियाटा को शुरू या खराब कर सकता है, यह एक ऑटोइम्यून विकार है जिसमें शरीर अपने हेयर फॉलिकल्स पर हमला करता है, जिसके परिणामस्वरूप बाल झड़ने लगते हैं। एलोपेसिया एरीटा का सटीक कारण अज्ञात है, लेकिन इस समस्या के प्रति संवेदनशील लोगों में परेशानी के बढ़ने का एक कारण तनाव भी है।
अत्यधिक तनाव की स्थिति में बॉडी में हार्मोन के स्तर में उतार चढ़ाव आता है, जिससे कोर्टिसोल जैसे स्ट्रेस केमिकल्स का स्तर बढ़ जाता है। समय के साथ, कोर्टिसोल के ऊंचे स्तर के कारण हेयर फॉल और हेयर थिनिंग की समस्या हो सकती है। असंतुलित हार्मोंस हेयर फॉलिकल्स के साथ ही हेयर ग्रोथ को भी नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं।
ट्राइकोटिलोमेनिया एक साइकोलॉजिकल डिजीज है, जिसमें व्यक्ति को बाल नोचने की जुनूनी इच्छा होती है, जो तनाव से और भी बदतर हो सकती है। लंबे समय तक तनाव में बाल खींचने पर ट्राइकोटिलोमेनिया की स्थिति अधिक गंभीर हो सकती है, जिससे संवेदनशील लोगों में हेयर फॉल और हेयर थिनिंग की समस्या होती है।
तनाव की स्थिति में लोगों की नियमित लाइफस्टाइल की गतिविधियां बेहद प्रभावित होती हैं, जैसे भोजन, नींद की स्वच्छता और सामान्य स्वास्थ्य पर भी अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है। जिससे बाल झड़ने की समस्या हो सकती है। अस्वास्थ्यकर व्यवहार, अपर्याप्त नींद और खराब आहार सभी बालों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं और बालों के झड़ने का कारण बन सकते हैं।
यदि आप अत्यधिक तनाव में है, तो सबसे पहले आपको डिस्ट्रेस होने की कोशिश करनी चाहिए। तनाव के स्तर में कमी आना हेयर फॉल सहित तमाम अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का एक उचित समाधान है। मेडिटेशन, माइंडफूलनेस एक्टिविटी और डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइ जैसी गतिविधियों में भाग लेकर आप अपने तनाव को कम कर सकती हैं। जिससे कि धीरे-धीरे बॉडी वापस से बैलेंस होती है, और हेयर फॉल की समस्या भी कम होती है।
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स्कैल्प स्टिमुलेशन या स्कैल्प मसाज हेयर फॉल रिड्यूस करने में आपकी मदद कर सकते हैं। स्कैल्प को मसाज देने से ब्लड फ्लो बढ़ता है, जिसकी वजह से स्कैल्प तक उचित मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचता है। जिससे हेयर फॉलिकल्स स्वस्थ रहते हैं, साथ ही साथ हेल्दी हेयर ग्रोथ को बढ़ावा मिलता है। आप हेड मसाज के लिए किसी भी हेल्दी ऑयल विकल्प का चयन कर सकती हैं।
तनाव की स्थिति में अक्सर हम खान-पान पर ध्यान नहीं देते हैं, जिसकी वजह से शरीर में महत्वपूर्ण विटामिन और मिनरल्स की कमी हो सकती है, जो हेयर फॉल का एक महत्वपूर्ण कारण है। ऐसे में तनाव को कम करने पर ध्यान दें, साथ ही साथ अपने नियमित गतिविधियों को प्रभावित न होने दे। स्वस्थ खाद्य पदार्थों का सेवन करें, ताकि आपके शरीर में पर्याप्त पोषक तत्व बरकरार रहे और आपके बॉडी को उचित ऊर्जा मिले, जिससे कि तनाव से निपटने में मदद मिलेगी साथ ही साथ हेयर फॉल भी कम होगा।
तनाव की स्थिति में अक्सर व्यक्ति अपने शरीर की केयर करना छोड़ देता है, वैसे ही लोग अपने बालों की सेहत पर भी ध्यान नहीं देते। इसलिए तनाव होने पर भी खुद को व्यस्त रखने की कोशिश करें, यह तनाव से निपटने का एक बेहद प्रभावित तरीका है। व्यस्त रखने के लिए आप सेल्फ केयर को अपनी प्रायोरिटी बना सकती हैं, जैसे कि अपने बालों का ध्यान रखें साथ ही अपने चेहरे का ध्यान रखें।
समय पर अपने बाल धोएं और उचित हेयर मास्क, हेयर सिरम, हेयर टोनर आदि के माध्यम से अपने बालों को पर्याप्त पोषण दें। ऐसे में आपके बाल तनाव के साइड इफेक्ट्स को झेल पाएंगे।
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