बरसात, प्रदूषण और केमिकल प्रोडक्टस बालों की जड़ों को कमज़ोर बना देते हैं। इसके चलते हेयरफॉलhair fall) ( का सामना करना पड़ता है। इस समस्या से बचने के लिए लोग नए प्रकार के शैम्पू और ट्रीटमेंट की मदद लेते हैं, मगर कैमिकल्स का बढ़ता प्रभाव बालों को नुकसान पहुचाने लगता है। ऐसे में शरीर को न्यूट्रीशन प्रदान करने के लिए सीड्स (seeds) को आहार में शामिल करना फायदेमंद साबित होता है। इस हेयर फ्रेंडली तरीके से बालों को कई समस्याओं से बचा जा सकता है। जानते हैं किन सीड्स की मदद से मिलेगा बालों को पोषण (Seeds to boost hair growth)।
इस बारे में न्यूट्रीशनिस्ट शुभांगी पाटनकर बताती हैं कि विटामिन बी, विटामिन ई और जिंक जैसे पोषक तत्व सीड्स में उच्च मात्रा में पाए जाते हैं। इसमें मौजूद फैटी एसिड बालों की ग्रोथ (hair growth) और नरिशमेंट में मदद करते हैं। सूरजमुखी के बीज, अलसी के बीज और तिल बालों की ग्रोथ में मदद करते हैं। इससे मौसम के साथ बाल झड़ने की समस्या (hair fall) हल हो जाती है और फैटी एसिड (fatty acid) की उच्च मात्रा से इची स्कैल्प (itchy scalp) की समस्या से भी बचा जा सकता है।
सीड्स का सेवन करने से शरीर को ओलिक एसिड, आयरन, प्रोटीन और बायोटिन की प्राप्ति होती है जिससे हेयर शाफ्ट को मज़बूती मिलती है। इसके अलावा हेयरग्रोथ (hair growth) के लिए कैल्शियम और विटामिन ए की मात्रा बेहद आवश्यक है। इसका सेवन हेयर डेंसिटी (hair density) को बढ़ाने में मदद करता है।
हेयर ग्रोथ को बढ़ाने के लिए अलसी के बीज बेहद फायदेमंद साबित होते हैं। इसके सेवन से प्रोटीन, मैग्नीशियम, कैल्शियम और फाइबर की प्राप्ति होती है। अलसी के बीज (flax seed) में मौजूद थियामाइन की मात्रा बालों के रूखेपन को कम करता है और स्कैल्प पर इचिंग की समस्या हल हो जाती है। इन्हें रोस्ट करके या फिर मिल्क शेक व रेसिपीज़ में स्प्रींक्ल करके खाने से स्वास्थ्य को फायदा मिलता है। नियमित तौर पर इसका सेवन फायदा पहुंचाता है।
पंपकिन सीड्स यानि कद्दू के बीज आकार में बड़े होते हैं। इनके सेवन से हेयर फॉल (hair fall) की समस्या हल हो जाती है। इसे खाने से शरीर में विटामिन ए, बी, सी, ई, जिंक, सेलेनियम और कॉपर की प्राप्ति होती है। इससे बालों का पतलापन कम होने लगता है। इसमें पाई जाने वाली अनसैचुरेटेड फैटी एसिड और प्रोटीन की मात्रा बालों को मुलायम और शाइनी बनाते हैं। इसे चटनी, सलाद, स्मूदी, डेजर्ट और मसालों में एड करके आहार में शामिल किया जा सकता है।
सूरजमुखी के बीज में लिनोलिक एसिड पाया जाता है। इसके अलावा विटामिन ई और सेलेनियम की मात्रा भी बालों की ग्रोथ में मदद करती है। इसके सेवन से स्कैल्प की नमी बरकरार रहती है और बैक्टीरियल संक्रमण से मुक्ति मिल जाती है। इसके सेवन से शरीर में जिंक और ओमेगा 3 फैटी एसिड की कमी पूरी होती है, जिससे बालों पर बढ़ने वाले प्रदूषण के प्रभाव को रोका जा सकता है।
मेथीदाना को रोज़ाना सीमित मात्रा में खाने से फ्लेवोनोइड्स, एल्कलॉइड और सैपोनिन जैसे कंपाउड की प्राप्ति होती हैं। इससे बालों की नमी बनी रहती है और ग्रोथ को मदद मिलती है। इसके सेवन से मानसून के मौसम में स्कैल्प पर बढ़ने वाले बैक्टीरिया से राहत मिलती है। इसमें पाई जाने वाली एंटी बैक्टीरियल और एंटीफंगल प्रॉपटीज़ रूसी के खतरे को कम करती है। इसके अलावा स्कैल्प हाइड्रेट रहता है। ओवरनाइट सोक करके खाने से शरीर को फायदा मिलता है।
तिल का सेवन करने से शरीर को मिनरल्स और फैटी एसिड की प्राप्ति होती है। इसमें मौजूद नेचुरल मॉइश्चराइजिंग गुण बालों की चमक को बरकरार रखते हैं। इसमें प्रोटीन की उच्च मात्रा पाई जाती है। इसके अलावा विटामिन की भी प्राप्ति होती है। इसे रोस्ट करके या फिर डेजर्ट में शामिल करके खाया जा सकता है।
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