मौसम बदलने के साथ हार्मफुल यूवीए और यूवीबी रेज़ त्वचा के टैक्सचर को नुकसान पहुंचाने लगती हैं। इसके चलते त्वचा पर फाइन लाइंस और हाइपरपिग्मेंटेशन का जोखिम बना रहता है। ऐसे में स्किन के टैक्सचर को इंप्रूव करने के लिए सनस्क्रीन एक बेहतरीन विकल्प है। इसका इस्तेमाल त्वचा के लिए स्किन बैरियर का कार्य करता है, जो यूवी किरणों को त्वचा में गहराई तक प्रवेश करने से रोकता है।
सनस्क्रीन का नियमित उपयोग यूवी रेज़ और ब्लू लाइट के प्रभाव से बचाने में मदद करता है। साथ ही त्वचा को पोषण की प्राप्ति होती है और नमी बरकरार रहती है। अगर आप नेचुरल गुणों से भरपूर किसी सनस्क्रीन की तलाश कर रही हैं, तो ऐसे में लोटस सनस्क्रीन एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है। ये न केवल त्वचा को स्पेक्ट्रम सुरक्षा प्रदान करता है बल्कि स्किन में आसानी से एबजॉर्ब भी होने लगती है। जानते हैं बजट फ्रेंडली लोटस सनस्क्रीन विकल्पों की एक लिस्ट।
त्वचा को सूरज की किरणों से बचाने और एजिंग को रिवर्स करने में सनस्क्रीन का इस्तेमाल किया जा सकता है। ये महिलाओं और पुरूषों दोनों के लिए ही फायदेमंद है। इससे चेहरे पर बनने वाले काले धब्बे, मुंहासों के निशान और दाग धब्बे दूर किए जा सकते हैं। सन टैन को कम करने में इसकी मदद ली जा सकती है।
मैट जेल फ़ॉर्मूलेशन के साथ
पूरी तरह से नॉन.ग्रीसी है
महिलाओं और पुरूषों दोनों के लिए
सन टैन को करे दूर
वेनिला, हॉर्स चेस्टनट और कॉम्फ्रे के गुणों से भरपूर
स्पेक्ट्रम सुरक्षा प्रदान करता है
जल्दी से अवशोषित हो जाती है
वज़न 80 ग्राम है
कुछ उपभोक्ताओं के अनुसार इसे लगाने के बाद पूरी तरह से एबजॉर्ब न होने के कारण त्वचा पर वाइट कास्ट की समस्या बनी रहती है।
उपभोक्ता के अनुसार इस सनस्क्रीन को लगाने से सन बर्न से बचा जा सकता है और पिगमेंटेशन की समस्या भी हल होने लगती है। इससे स्किन की नमी बरकरार रहती है और ये त्वचा में आसानी से एबजॉर्ब हाने लगती है। वे लोग जिनकी त्वचा ऑयली है, उनके लिए ये बेहद कारगर साबित होती है।
ये सनस्क्रीन एसपीएफ 50 ब्रॉड स्पेक्ट्रम सुरक्षा के साथ उपलब्ध है। ये सनबर्न के अलावा समय से पहले बुढ़ापे की स्थिति को रोकता है। ये पूरी तरह से लाइटवेट और नॉन ग्रीसी है, जिसे महिलाएं और पुरूष दोनों ही प्रयोग कर सकते हैं। सनॅब्लाक् के रूप में फायदेमंद ये क्रीम सभी प्रकार के स्किन टाइप के लिए उपयुक्त है।
लाइट वेट क्रीम
पूरी तरह से नॉन ग्रोसी है
ऑयली स्किन के लिए फायदेमंद
स्पेक्ट्रम सुरक्षा करे प्रदान
स्वैट और वॉटर प्रूफ है
बेरी अर्क से भरपूर
महिलाओं और पुरूषों के लिए
वजन 60 ग्राम है
पॉकिट फ्रेंडली है
कुछ उपभोक्ताओं ने इस लोटस सनस्क्रीन के इस्तेमाल से स्किन एलर्जी की शिकायत की है।
अधिकतर उपभोक्ताओं के अनुसार ये सनस्क्रीन ऑयली के अलावा रूखी त्वचा के लिए भी बेहद कारगर साबित होती है। इससे त्वचा पर यूवी रेज़ का प्रभाव कम होने लगता है। साथ ही वाइट कास्ट से भी बचा जा सकता है।
लोटस सेफ सन सनब्लॉक एसपीएफ 30 पीए़़ सनस्क्रीन पूरी तरह से वाटर प्रूफ और स्वेट प्रूफ है। ये त्वचा को सन डैमेज, सनटैन और सनबर्न से बचाता है। इससे स्किन में बढ़ने वाले मेलेनिन के प्रभाव को नियंत्रित किया जा सकता है। इसे चेहरे पर लगाने से दाग धब्बे, काले धब्बे और पिगमेंटेशन को कम किया जा सकता है। इससे त्वचा स्वस्थ और कोमल बनी रहती है।
नॉन ग्रीसी फॉर्मूलेशन
ब्लैक प्लम एक्सट्रैक्ट्स से युक्त
महिलाओं और पुरूषों दोनों के लिए
ऑल स्किन टाइप
स्वेटप्रूफ और वाटरप्रूफ
मेलेनिन को करे नियंत्रित
वज़न 50 ग्राम
कुछ मामलों में इस सनस्क्रीन से स्किन टैनिंग की समस्या बनी रहती है।
इससे स्किन पर पॉल्यूटेंटस और एजिंग का खतरा कम होने लगता है। साथ ही आसानी से स्किन में घुल जाती है। सनटैन और डार्क स्पॉट्स को कम किया जा सकता है। स्किन की लोच बरकरार रहती है और धूप की किरणों से बढ़ने वाली लालिमा का जोखिम कम हो जाता है।
सेफ सन स्पोर्ट्स प्रो.डिफेंस सनब्लॉक एसपीएफ 100 प्रिजर्वेटिव फ्री है। इसका हल्का फ़ॉर्मूलेशन यूवीए और यूवीबी किरणों से ब्रॉड स्पेक्ट्रम सुरक्षा देता है। ये त्वचा को सन टैन, दाग धब्बों, झाईयों और पिगमेंटेशन से बचाता है। इसकी मदद से त्वचा पर माइक्रो.फ़िल्टर बनने लगते हैं, जो मुक्त कणों से होने वाले नुकसान और विषाक्त पदार्थों से सुरक्षा प्रदान करता है।
उच्च यूवीए और यूवीबी प्रोटेक्शन
पानी और पसीने से सुरक्षा
प्रदूषण विरोधी
प्रिर्जवेटिव फ्री
कैलेंडुला और कैमोमाइल अर्क
पिगमेंटेशन को रोकने में करे मदद
100 सन प्रोटेक्शन फैक्टर सहित
कुछ उपभोक्ताओं को सनस्क्रीन अप्लाई करने के बाद भी सन टैन का सामना करना पड़ा है। साथ ही वाइट कास्ट की समस्या बनी रहती है।
अधिकतर उपभोक्ता इस क्रीम को पैसा वसूल प्रोडक्ट बताते हैं। इसस स्किन को सूर्य की किरणों और पॉल्यूटेंट्स से प्रोटेक्शन मिलती है। स्पोर्टस और आउटडोर एक्टीविटी के समय इसका इस्तेमाल त्वचा को फायदा पहुंचाता है। ये आसानी से स्किन में ब्लैंड जो जाती है। हांलाकि कुछ लोगों ने अप्लाई करने के दौरान बैड स्मैल महसूस होने की बात कही है।
इस सनस्क्रीन का इस्तेमाल करने से त्वचा को यूवीए और बी सन प्रोटेक्शन की प्राप्ति होती है। ये सनब्लॉक के अलावा स्किन ब्राइटनिंग में भी मददगार साबित होती है। इससे चेहरे पर सफ़ेद दाग यानि वाइट कास्ट की समस्या नहीं रहती है। पूरी तरह से वाटर रेसिस्टेंट सनस्क्रीन पुरुषों और महिलाओं के लिए फायदेमंद है।
सनबर्न करे कम
स्किन ब्राइटनेस को बढ़ाए
वाटर रेसिस्टेंट
पुरुषों और महिलाओं
ऑल स्किन टाइप
तेजी से अवशोषित होती है
मैटफ्लुइड फ़ॉर्मूला के साथ
इसे चेहरे पर लगाने से वाइट कास्ट की समस्या बनी रहती है।
लोटस बॉटनिकल्स विटामिन सी स्किन ब्राइटनिंग मैटेफ्लुइड सनस्क्रीन धूप से सुरक्षा प्रदान करने के अलावा स्किन के ग्लो को बनाए रखने में मदद करती है। इसका हल्का फ़ॉर्मूला जल्दी से स्किन में अवशोषित हो जाता है, जिससे मैट फ़िनिश मिलती है। इसे रोज़ाना चेहरे पर लगाने से फायदा मिलता है। विटामिन सी से भरपूर होने के चलते स्किन के टैक्सचर में सुधार आने लगता है। इससे त्वचा पर यूवी रेज़ का प्रभाव कम होने लगता है।
त्वचा पर सनस्क्रीन लगाने से त्वचा को हानिकारक यूवी किरणों से बचाया जा सकता है। ये स्किन पर यूवीए और यूवीबी किरणों को अवशोषित करने वाले बैरियर के रूप में कार्य करता है।
सूरज की यूवी किरणों के अत्यधिक संपर्क में आने से समय से पहले त्वचा पर फाइन लाइंस दिखने लगती हैं। इसके नियमित इस्तेमाल से उम्र बढ़ने की प्रक्रिया धीमी होने लगती है और स्किन की लोच बरकरार रहती है। स्किन कैंसर फाउंडेशन के अनुसारए सनस्क्रीन झुर्रियों, ढीलेपन और उम्र के धब्बों जैसे समय से पहले बुढ़ापे के लक्षणों को रोक सकता है।
सूरज की यूवी किरणों के संपर्क में आने से त्वचा कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। स्किन कैंसर फाउंडेशन के अनुसार एसपीएफ 15 या उससे अधिक वाले सनस्क्रीन का नियमित उपयोग स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा के विकास के जोखिम को 40 प्रतिशत और मेलेनोमा को 50 प्रतिशत तक कम कर सकता है।
अत्यधिक धूप में रहने से सनबर्न हो सकता है। इससे त्वचा में लालिमा, सूजन और छाले हो सकते हैं। सनस्क्रीन का उपयोग त्वचा को यूवी किरणों से बचाकर सनबर्न को रोकने में मदद कर सकता है।
लंबे समय तक धूप में रहने से हाइपरपिग्मेंटेशन हो सकता है, जिसके चलते काले धब्बे और झाइयां के साथ त्वचा की रंगत असमान हो सकती है। सनस्क्रीन का नियमित उपयोग किरणों को रोककर हाइपरपिग्मेंटेशन को रोकने में मदद कर सकता है।
6 महीने से ज़्यादा उम्र के बच्चों से लेकर पुरुष और महिलाएं सनस्क्रीन का इस्तेमाल कर सकती हैं। 6 महीने से कम उम्र के बच्चों को सनस्क्रीन लगाने से बचना चाहिए क्योंकि उनकी त्वचा संवेदनशील होती है और सनस्क्रीन के तत्व किसी भी तरह की एलर्जी का कारण बन सकते हैं।
सनस्क्रीन एक ऐसा प्रोडक्ट हैं जो यूवी रेडिएशन को अवशोषित कर सकते हैं और त्वचा में प्रवेश करने से रोक सकते हैं। इनमें अक्सर ऑक्सीबेनज़ोन और अन्य रासायनिक फ़िल्टर होते हैं। वहीं सनब्लॉक उन उत्पादों को कहा जात है, जिसमें जिंक ऑक्साइड और टाइटेनियम डाइऑक्साइड जैसे तत्व होते हैं।
बाहर जाने से कम से कम 15 से 30 मिनट पहले सनस्क्रीन को चेहरे और गर्दन पर अवश्य अप्लाई करना चाहिए। 2 घंटे या पानी से जुड़ी गतिविधियों में हिस्सा लेने के तुरंत बाद सनस्क्रीन को फिर से लगाना सुनिश्चित करें।
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