विश्व तंबाकू निषेध दिवस: आपके मसूड़ों और दांतों को इन 5 तरीकों से नुकसान पहुंचाता है तंबाकू

अगर आप चाहती हैं कि आपकी मुस्कान सदाबहार रहे, तो आज ही से तंबाकू के सभी उत्पादों से आपको तौबा कर लेनी चाहिए। 
Tobacco se kaise daanton ke rang mei aata hai badlaav
निकोटिन की मात्रा से दांतों पर दाग की समस्या बढ़ जाती है। इसके चलते बहुत ही कम समय में दांतों में पीलापन बढ़ जाता है। है। चित्र: शटरस्टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 31 May 2024, 03:02 pm IST
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आज विश्व तंबाकू निषेध दिवस है। आपके दांत और आपकी मुस्कान लोगों पर बहुत अच्छा प्रभाव डालते हैं। ज्यादातर लोग इस बात को जानते हैं कि धूम्रपान उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। पर क्या आप जानती हैं कि गले और फेफड़ों में पहुंचने से पहले ये आपके दांतों और मसूड़ों को नुकसान पहुंचाता है! धूम्रपान के कारण कई जानलेवा बीमारियां भी हो सकती हैं। अभी तक बड़ी संख्या में लोग इस तथ्य से अनजान हैं कि तंबाकू आपके दांतों, मसूड़ों और मुंह (tobacco effects on oral health) को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं।

वर्ल्ड नो टोबैको डे (World No Tobacco Day) पर दांतों पर धूम्रपान या तंबाकू चबाने के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए हेल्थ शॉट्स ने कैप्चर लाइफ डेंटल केयर की फाउंडर और सीईओ डॉ. नम्रता रूपानी से बात की।

यदि आपको या आपके पार्टनर को धूम्रपान की आदत है, तो उसे तत्काल छोड़ दें। डॉ. रूपानी ने उन 5 तरीकों के बारे में बताया, जिससे आपको यह पता चल सके कि तंबाकू दांतों और मसूड़ों को कितना नुकसान पहुंचाता है।

  1. सांस को प्रभावित करता है धूम्रपान

जो लोग धूम्रपान करते हैं, उनमें आमतौर पर सांसों में एक तरह की दुर्गंध पाई जाती है, जिसे स्मोकर्स ब्रेथ भी कहा जाता है। यह एक ऐसी गंध है, जो सिगरेट के धुएं से उत्पन्न होती है। यह धूम्रपान खत्म करने के बाद व्यक्ति के गले और फेफड़ों में मौजूद रहती है। 

तंबाकू के अलावा सिगरेट में कई दूसरे केमिकल होते हैं, जिनमें से कुछ बेहद हानिकारक होते हैं। धूम्रपान इन केमिकल कंपाउंड को आपके मुंह में छोड़ देता है, जो लार के साथ मिलकर आपके मुंह से दुर्गंध आने का कारण बन जाता है। इस दुर्गंध से छुटकारा पाना काफी मुश्किल है, क्योंकि लगभग सभी तंबाकू उत्पाद सांसों की बदबू का कारण बनते हैं। यदि आप धूम्रपान करना छोड़ देंगी, तो यह दुर्गंध भी हमेशा के लिए आपसे दूर चली जाएगी।

  1. मसूड़ों के रोग

डॉ. रूपानी के अनुसार स्मोकिंग करने वाले लोगों के दांतों में बहुत अधिक प्लाक बनने लगता है। धूम्रपान न करने वालों की तुलना में उन्हें मसूड़े यानी गम्स की बीमारी भी जल्दी होती है। तंबाकू मसूड़ों को नुकसान पहुंचाने के बाद दांतों को नुकसान पहुंचाने लगता है। दरअसल, यह ब्लड तक ऑक्सीजन की आपूर्ति को कम कर देता है। यह संक्रमित मसूड़ों को ठीक होने से भी रोकता है। 

तंबाकू उत्पाद मसूड़े के ऊतकों की कोशिकाओं के सामान्य कार्य को बाधित कर सकते हैं। यह आपके मसूड़ों को कमजोर बना सकता है, जिससे वे लाल हो जाते हैं। सूजन आ जाती है। थोड़ा-सा दबाव पड़ने पर मसूड़ों से खून भी आने लगता है।

  1. दांतों पर दाग पड़ जाना

सालों तक धूम्रपान करने से दांतों में तंबाकू के दाग बनने लगते हैं, जिसे हटाना काफी मुश्किल होता है। इनेमल और कभी-कभी दांतों के अंदर भी दाग-धब्बे दिखने लगते हैं। तंबाकू उत्पादों में निकोटीन और टार सहित कई तरह के रसायन होते हैं। दोनों ही दांतों को दाग-धब्बे से भर देते हैं। ये रसायन दांतों की सतहों पर दाग छोड़ जाते हैं। इसके बाद आपको दांतों को साफ करने के तरीकों का सहारा लेना पड़ता है।

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  1. दांतों का गिरना

डॉ रूपानी के अनुसार, “मसूड़ों की बीमारी दांतों के झड़ने के सबसे आम कारणों में से एक है। इसमें धूम्रपान एक प्रमुख कारक बनता है, जो रोग के विकास में योगदान देता है। लंबे समय तक धूम्रपान करने वालों में मसूड़ों की बीमारी के तेजी से बढ़ने की संभावना अधिक होती है। 

इसके परिणामस्वरूप धूम्रपान करने वाले आमतौर पर न केवल अपने दांत खो देते हैं, बल्कि धूम्रपान न करने वालों की तुलना में धूम्रपान करने वालों के लिए दंत प्रत्यारोपण प्रक्रियाओं की सफलता दर भी कम हो जाती है।

  1. मुंह का कैंसर

तंबाकू चबाने से गालों, मसूड़ों और होठों में कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। तंबाकू उत्पादों में कार्सिनोजेनिक नामक कैंसर पैदा करने वाले रसायन होते हैं, जो किसी व्यक्ति के डीएनए को भी नुकसान पहुंचाते हैं। मुंह का कैंसर मुंह के उस एरिया में भी डेवलप हो सकता है, जहां तंबाकू होता है। ल्यूकोप्लाकिया एक सफेद पैच है, जो मुंह या गले में धुआं रहित तंबाकू से मुंह के कैंसर का कारण बनता है।

यदि आप दांत सहित शरीर के सभी अंगों को स्वस्थ रखना चाहती हैं, तो हर हाल में तंबाकू के सेवन को त्याग दें।

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