यदि हमारा स्वास्थ्य ठीक नहीं होता है, तो इसका प्रभाव सबसे पहले हमारी स्किन पर दिखने लगता है। त्वचा कांतिहीन दिखने लगती है। आपने कभी न कभी किसी को यह कहते हुए जरूर सुना होगा कि फलां को खून की कमी है, इसलिए उसका चेहरा पीला दिख रहा है या वह बेहद तनाव में है, इसलिए उसकी स्किन काली दिख रही है।
हमारे इंटरनल हेल्थ की इंडिकेटर (Internal health indicator) है स्किन। आयुर्वेद हमें स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है और नेचुरल ब्यूटी देता है। आयुर्वेद को दैनिक जीवन में समावेश करने से न सिर्फ हमारा इंटरनल हेल्थ, बल्कि स्किन भी हेल्दी हो जाती है। साथ ही, स्किन शाइनिंग और ग्लोइंग दिखने लगती है। फिर हम आयुर्वेद के माध्यम से अपनी स्किन को कैसे बनाएं स्वस्थ (ayurvedic skin care routine)?
आयुर्वेद के माध्यम से अपनी स्किन को स्वस्थ बनाने के लिए हमने बात की आयुथवेदा के फाउंडर और सीईओ डॉ. संचित शर्मा से। डॉ. संचित कहते हैं, हमारी त्वचा चमकदार दिखे, इसके लिए सबसे पहले त्वचा की जरूरतों को समझना होगा। यह न केवल समस्याओं बल्कि उसके निदान में भी मदद करेगा।
आपकी स्किन दाग-धब्बे रहित तभी दिखेगी, जब आपका इंटरनल हेल्थ मजबूत होगा। इंटरनल हेल्थ तभी मजबूत होगा, जब आपका आहार पौष्टिक खाद्यपदार्थों से भरपूर होगा। अत्यधिक तैलीय पदार्थ, डिब्बाबंद फूड, प्रोसेस्ड फूड न केवल आपके गट हेल्थ के लिए, बल्कि स्किन के लिए भी हानिकारक हैं। इन पदार्थों में मौजूद फैट आपकी स्किन पोर्स को बंद कर देते हैं, जिससे एक्ने और पिंपल्स की समस्या होती है। एक्ने और पिंपल्स ही बाद में स्किन पर निशान और दाग-धब्बे छोड़ जाते हैं।
अभ्यंग : नियमित अभ्यंग जरूरी है। आयुर्वेद में तेल मालिश को अभ्यंग कहा जाता है। अभ्यंग न सिर्फ मांसपेशियों को टोन करता है, बल्कि वात के कारण ड्राय स्किन को भी मुलायम बनाता है।
डॉ. संचित शर्मा सुझाते हैं कि आयुर्वेदिक सामग्रियों तथा कई अन्य आयुर्वेदिक तरीकों से भी स्किन को स्वस्थ बनाया जा सकता है। हैं।
चेहरे पर चंद्रमा जैसी चमक पाने के लिए प्राचीन ग्रंथों में कुनकुमादि तेल के प्रयोग करने की बात कही गई है। यह स्किन को आंतरिक स्तर पर साफ करता है और डलनेस को खत्म करता है।
रात में सोने से पहले बाजार में मिलने वाले कुनकुमादी सीरम की 3-4 बूंदों को अपनी उंगलियों के पोरों पर लगाएं।
इसे धीरे-धीरे चेहरे पर अप्लाई करें।
सूरजमुखी के बीज के अर्क से तैयार होने वाला तेल पिंपल्स को खत्म करता है और स्किन की ड्रायनेस को हटाकर संपूर्ण पोषण देता है।
रात में सोने से पहले कॉटन बॉल को तेल में भिगोकर चेहरे पर लगा सकती हैं।
उंगलियों के सहारे भी स्किन पर अप्लाई किया जा सकता है।
यदि आप नियमित रूप से बादाम तेल इस्तेमाल करती हैं, तो यह आंखों के नीचे के डार्क सर्कल को खत्म करता है। झुर्रियों और दाग-धब्बों को भी खत्म करता है।
रात में सोने से पहले तेल की कुछ बूंदें चेहरे पर लगाकर हल्के हाथ से मालिश करनी चाहिए।
नीम, मंजिष्ठा, यष्टिमधु, उशीर आदि को दैनिक स्किनकेयर रूटीन में शामिल करें। ये सभी जड़ी-बूटियां समग्र रूप से त्वचा को स्वस्थ और प्राकृतिक रूप से चमकदार बनाने में मदद करती हैं।
इन सभी को एक साथ या अलग-अलग पीसकर फेस मास्क के रूप में प्रयोग किया जा सकता है।
पाउडर को पानी के साथ मिक्स कर चेहरे पर प्लाई किया जा सकता है।
आयुर्वेद के इस प्रमुख तरीका ऑयल पुलिंग का मतलब होता है-मुंह में तेल भरकर कुल्ला करना। यह शरीर को डिटॉक्सिफाई करता है और चेहरे पर नेचुरल ग्लो लाता है। इससे झुर्रियां भी कम होती हैं।
नारियल तेल, तिल का तेल, सरसों तेल का भी ऑयल पुलिंग के लिए प्रयोग किया जा सकता है।
एक टेबलस्पून तेल अपने मुंह में डालें।
10-15 मिनट तक मुंह में तेल को चारों तरफ घुमाएं और फिर बाहर निकाल दें।
तेल को निगलना नहीं है।
बाद में गुनगुने पानी से कुल्ला कर लें।
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