चेहरे पर बढ़ने वाले रूखेपन को कम करने के लिए कई प्रकार के मॉइश्चराइज़र और फेस पैक का इस्तेमाल किया जाता है। केमिकल युक्त प्रोडक्टस का अतिरिक्त प्रयोग करना चेहरे की नमी को कम कर देता है। ऐसे में एजिंग की समस्या बनी रहती है। रूखेपन को दूर करके चेहरे की क्लीजिंग और लचीलेपन को बनाए रखने के लिए मोरिंगा की पत्तियां बेहद कारगर उपाय है। इसे पीसकर फेस मास्क के तौर पर चेहरे पर लगाने से स्किन ग्लो बरकरार रहता है और सर्द हवाओं के प्रभाव से भी बचने में मदद मिलती है। जानते हैं मोरिंगा के फायदे और इसे चेहरे पर लगाने के उपाय (Moringa face pack)।
मोरिंगा में ओलिक और अमीनो एसिड पाए जाते है। इससे चेहरे की डलनेस कम होने लगती है और स्किन टैक्सचर में सुधार आने लगता है। इस बारे में आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ अंकुर तंवर बताते हैं कि इसमें मौजूद विटामिन सी की मात्रा चेहरे पर दिखने वाली झुर्रियों की समस्या को हल कर देती है। एंटीऑक्सडेंटस से भरपूर मोरिंगा की पत्तियों में कॉपर, आयरन, जिंक, मैग्नीशियम और सिलिका की मात्रा पाई जाती है। इसमें पाई जाने वाली विटामिन ए, बी, सी, डी, ई और मिनरल्स की मात्रा चेहरे पर बढ़ने वाले फ्री रेडिकल्स के खतरे को कम कर देती है।
साइंस डायरेक्ट की रिपोर्ट के अनुसार मारिंगा में संतेरे से 7 गुणा ज्यादा विटामिन सी की मात्रा पाई जाती है। इससे स्किन में कोलेजन का स्तर बढ़ने लगता है, जिससे टिशू और स्किन सेल्स को रिपेयर किया जा सकता है। इसमें मौजूद एंजाइम्स स्किन के टैक्सचर को इंप्रूव करते हैं।
मोरिंगा की पत्तियों में मॉइश्चराइजिंग गुण होते है। इससे स्किन पर दिखने वाली फाइन लाइंस को कम करके त्वचा के लचीलेपन को बनाए रखने में मदद मिलती है। इससे स्किन का रूखापन कम होता है और त्वचा पर बड़ने वाले डेड स्किन सेल्स की समस्या भी हल हो जाती है। इसमें पाई जाने वाली विटामिन बी 3 की मात्रा टिशूज में पहुंचकर नमी को रीस्टोर करने में मदद करती है।
यूवी रेडिएशन से त्वचा पर कम उम्र में ही एजिंग के साइन दिखने लगते हैं। फ्री रेडिकल्स का प्रभाव बढ़ने से स्किन सेल्स डैमजे होने लगते है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंटस की मात्रा प्रीमेच्योर रिकल्स को कम करके स्किन को ग्लोई और क्लीन बनाती है। इससे स्किन की इलास्टीसिटी मेंटेन रहती है।
त्वचा पर बढ़ने वाले पिंपल्स स्किन पर मौजूद पॉल्यूटेंटस के कारण बढ़ने लगता है। एंटीऑक्सीडेटिव प्रॉपर्टीज़ त्वचा पर एक्ने, रेडनेस और सोरायसिस के लक्षणों को कम करके हार्मोनल बैलेंस को बनाए रखने में मदद मिलती है। इससे स्किन क्लीन और हेल्दी दिखने लगती है।
त्वचा पर बढ़ने वाली रूखेपन को नियंत्रित करने के लिए मोरिंगा के तेल में ओटमील पाउडर मिलाकर चेहरे पर लगाएं। इससे स्किन को एक्सफोलिएट करने के अलावा मॉइश्चर को रीस्टोर करने में भी मदद मिलती है। 10 से 15 मिनट तक चेहरे पर लगाने के बाद चेहरे को धो दें।
त्वचा की इलास्टीसिटी को मेंटेन करने के लिए आधा चम्मच मोरिंगा के पाउडर में 1 चम्मच मुल्ताली मिट्टी और गुलाब जल मिलाकर चेहरे पर लगाएं। जब चेहरा सूख जाएं, तो गुलाब जल लेकर चेहरे पर सर्कुलर मोशन में मसाज करें। इससे त्वचा का निखार बढ़ने लगता है और एजिंग से राहत मिलती है।
मोरिंगा की पत्तियों को धोकर उन्हें पीस लें। उसमें एलोवेरा जेल मिलाएं और मिश्रण को चेहरे पर लगा ले। इससे चेहरे पर बढ़ने वाला सन डैमेज का खतरा कम होने लगता है। साथ ही स्किन पर बढ़ने वाली टैनिंग और सन बर्न की समस्या हल हो जाती है।
स्किन ब्राइटनिंग गुणों से भरपूर बेसन में मोरिंगा की पत्तियों के पानी को मिलाकर चेहरे पर लगाएं। इसके लिए मोरिंगा की पत्तियों को उबालकर पानी अलग कर लें और उसे बेसवन व शहद में मिलाकर लेप बनाएं। इसे चेहरे पर लगाने से त्वचा पर दिखने वाले डेड स्किन सेल्स की समस्या हल हो जाती है।