गुलाबी ठण्ड के आगमन के साथ बालों में फ्रिजीनेस की समस्या बढ़ने लगती है। बेजान बालों को सिल्की और मुलायम बनाने की होड़ के चलते महिलाएं अक्सर हेयर प्रोडक्ट्स के नए-नए विज्ञापनों की ओर आकर्षित होने लगती हैं। खासतौर से कैमिकल युक्त शैम्पू बालों की चमक छीनकर उन्हें रूखा और कमजोर बना देते हैं। इससे उम्र से पहले ग्रे हेयर और हेयर लॉस की समस्या से जूझना पड़ता है। अगर आप बालों की इन समस्याओं से बचना चाहती हैं, तो खुद तैयार करें हेयर शैंपू। घर में मौजूद सामग्री से कैमिकल फ्री शैंपू (Homemade shampoo) बनाने का तरीका हम बता रहे हैं।
इस तरह के शैम्पू में सल्फेट्स पाया जाता है, जो एक डिटर्जेंट हैं। बालों को इस प्रकार के शैम्पू से धोने से बालों की नमी छिन जाती है। हेयरवॉश के दौरान ये डिटर्जेंट बालों में चिपक जाता है और वॉश के दौरान स्कैल्प के पीएच लेवल को नुकसान पहुंचाता है। इसके इस्तेमाल से बालों में फोम बनने लगती है, जो कलर्ड हेयर के लिए नुकसानदायक साबित होती है। इससे बालों का रंग फीका पड़ने लगता है।
रीठा को अंग्रेजी में सोपनट कहा जाता है। यह बरसों पुरानी आयुर्वेदिक हर्ब है। एंटीबैक्टीरियल और मॉइश्चराइजिंग गुणों से भरपूर रीठे का इस्तेमाल करने से बालों को मज़बूती मिलती है और रंग में भी बदलाव आने लगता है। वहीं गुड़हल के फूलों में कैरोटीन की उच्च मात्रा पाई जाती है। इसको सोक करने से निकलने वाली स्टार्च बालों को फायदा पहुंचाती है। इससे बाल मुलायम बनने लगते हैं।
इसे बनाने के लिए 6 से 8 रीठे धोकर साफ कर लें और उन्हें एक कांच में बोलत में 2 गिलास पानी डालकर उसमें भिगो दें।
गुड़हल के फूल और पत्तियों को लेकर उन्हें एक अलग कांच की कटोरी में भिगोकर रख दें। रंग में आपको बदलाव महसूस होने लगेगा।
अब दोनों चीजों को मिला दें और दोनों को विस्कर से हिलाएं। इससे पानी में झाग नज़र आने लगेगी।
इसके बाद भीगे हुए चावल का पानी भी मिला दें और एक इंच अदरक को ग्रेट करके इसमें डालें।
इस मिश्रण को गैस पर चढ़ा दें और पकने दें। जब इसमें एबाल आने लगे, तो कटे हुए नींबू को इसमें मिला दें।
सभी चीजों को ब्लैण्डर में डालें और रीठों को सीडलेस कर लें। इन्हें ब्लैण्ड करने के बाद छान लें और बालों पर अप्लाई करें।
आंवला में एंटीऑक्सीडेंटस प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जो डैमेज बालों को रिपेयर करने और सेल्स को मज़बूत बनाते हैं। इससे हेयरफॉल से मदद मिलती है। वहीं शिकाकाई में विटामिन सी पाया जाता है, जो बालों को नमी प्रदान करता है।
शैम्पू को तैयार करने के लिए 4 से 5 काले सूखे आंवले लेकर उन्हें लोहे की कढ़ाई में भीगने के लिए रख दें।
इसके साथ ही शिकाकाई की 3 से 4 कलियों को भिगोएं। ओवरनाइट सोक करने के बाद इस मिश्रण को कुछ
देर के लिए धूप में भी रखें। अब इसे ब्लैण्ड कर लें और उसके बाद इसे छानकर पानी को अलग कर लें। अब
इसे बालों में 10 से 15 मिनट के लिए लगाकर रखें और हल्के हाथों से मसाज करें। इससे बालों की जड़ों को मज़बूती मिलती है।
सर्दी के मौसम में बालों को डैंड्रफ और रूखेपन से बचाने के लिए नीम की पत्तियों से तैयार हर्बल शैम्पू को प्रयोग करें। दरअसल, बढ़ती ड्राईनेस के चलते स्कैल्प पर डेड स्किन सेल्स का प्रभाव बढ़ने लगता है, जो एक लेयर के तौर पर स्कैल्प पर जमने लगता है। एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल प्रापर्टीज से भरपूर एलोवेरा को मिलाकर बालों में लगाने से बालों को पोषण की प्राप्ति होती है।
2 कप पानी लेकर उसमें सरसों के बीज, मेभी दाना, मैश किए हुए आंवले, लौंग और प्याज का पेस्ट डालकर डालें और कुछ देर हिलाएं।
10 से 15 मिनट तक पकाने के बाद इसमें हिना लीव्स, करी लीव्स और तुलसी की पत्तियों को काटकर एड कर दें और कपने दें।
पूरी तूरह से पकने के बाद इसे हल्का ठण्डा होने के बाद छान लें। तैयार मिश्रण में एलोवेरा जेल को मिलाएं और एक बोलत में भरकर रखें।
सप्ताह में 2 बार इसे बालों में प्रयोग करें। इससे बालों के फॉलिकल्स को मज़बूती मिलती है और स्कैल्प का पीएच लेवल मेंटेन रहता है।
ये भी पढ़ें- त्वचा की लंबी उम्र और सेहत के लिए पोषण संबंधी इन 3 बातों का जरूर रखें ध्यान, एक्सपर्ट बता रही हैं वजह
डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।